VIDEO: अमेरिकी प्रोफेसर का खुलासा-रूस ने नहीं शुरू किया यूक्रेन युद्ध, इसके लिए NATO ने उकसाया

Edited By Tanuja,Updated: 13 Nov, 2024 04:46 PM

us professor explaining how nato provoked russia ukraine war

अमेरिकी प्रोफेसर जेफ्री सैच ( Professor Jeffrey Sachs) ने एक वीडियो में  दावा किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) की शुरुआत केवल रूस की ओर से नहीं हुई, बल्कि इसमें अमेरिका और NATO का भी अहम योगदान रहा...

Washington: अमेरिकी प्रोफेसर जेफ्री सैच ( Professor Jeffrey Sachs) ने एक वीडियो में  दावा किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) की शुरुआत केवल रूस की ओर से नहीं हुई, बल्कि इसमें अमेरिका और NATO का भी अहम योगदान रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। प्रोफेसर सैक्स, जो एक अर्थशास्त्री और सार्वजनिक नीति विश्लेषक हैं, ने यह बातें 30 अक्टूबर 2024 को कैम्ब्रिज यूनियन में एक सवाल-जवाब सत्र के दौरान कहीं। उन्होंने बताया कि यह संघर्ष 1990 से शुरू हुआ, जब अमेरिका के तत्कालीन विदेश मंत्री जेम्स बेकर ने सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव से कहा था कि जर्मनी का एकीकरण होने पर NATO पूर्व की ओर नहीं बढ़ेगा। लेकिन 1994 से अमेरिका ने इस वादे को तोड़ते हुए NATO के विस्तार की योजना बनाई और इसे यूक्रेन तक ले जाने का कदम उठाया।

 

🚨 WATCH: Jeffrey Sachs tells the cold, hard truth how the US and NATO provoked war in Ukraine in 4 minutes

"It started in 1990, when US Secretary of State James Baker said to Mikhail Gorbachev that NATO would not move one inch eastward...

The US then cheated on this, starting… pic.twitter.com/Y5nbNi0Db6

— Dave Benner, Nemesis of Neocons (@dbenner83) November 12, 2024

प्रोफेसर सैच ने कहा, "NATO का विस्तार 1999 में पोलैंड, हंगरी और चेक गणराज्य से शुरू हुआ। फिर 1999 में अमेरिका ने सर्बिया पर NATO के जरिए 78 दिनों तक बमबारी की। रूसियों को यह बिल्कुल पसंद नहीं आया, लेकिन उस समय पुतिन प्राय: यूरोप और अमेरिका के समर्थक थे। उन्होंने NATO में शामिल होने का प्रस्ताव भी दिया था।" उन्होंने आगे कहा, "2002 में अमेरिका ने एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल संधि से खुद को अलग कर लिया, जिसके बाद अमेरिका ने पूर्वी यूरोप में मिसाइल सिस्टम लगाए, जिन्हें रूस अपने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। 2004-05 में हमने यूक्रेन में पहली रंगीन क्रांति का समर्थन किया।"

PunjabKesari

प्रोफेसर सैच ने बताया कि 2010 में यानुकोविच ने यूक्रेन के राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया और उन्होंने यूक्रेन को तटस्थ बनाए रखने का निर्णय लिया। लेकिन 22 फरवरी 2014 को अमेरिका ने यानुकोविच को सत्ता से हटाने में भाग लिया और फिर NATO का विस्तार बढ़ाने की बात शुरू की। पुतिन ने बार-बार कहा कि NATO का विस्तार रोकें, लेकिन इसके बावजूद NATO पूर्व की ओर बढ़ता गया। सैक्स ने कहा कि 15 दिसंबर 2021 को पुतिन ने अमेरिका के साथ एक सुरक्षा समझौते का प्रस्ताव रखा, जिसमें NATO के विस्तार को रोकने की मांग की गई। इसके बाद रूस ने अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू की।

 

पांच दिन बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने तटस्थता का प्रस्ताव रखा, लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि लड़ाई जारी रखो, हमने तुम्हारा समर्थन किया हुआ है। सैक्स ने आरोप लगाया कि इस युद्ध में अब तक 6 लाख यूक्रेनियों की जान जा चुकी है और इसे अमेरिका की एक PR रणनीति के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह जो प्रचार है कि पुतिन हिटलर जैसे एक सनकी हैं, यह पूरी तरह से फर्जी है। असल में हम यहाँ खेल खेल रहे हैं।"

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!