Edited By Tanuja,Updated: 26 Jan, 2025 05:01 PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश के खिलाफ एक बड़ा और अप्रत्याशित कदम उठाते हुए उसे दी जाने वाली सभी प्रकार की अमेरिकी सहायता को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया...
Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश के खिलाफ एक बड़ा और अप्रत्याशित कदम उठाते हुए उसे दी जाने वाली सभी प्रकार की अमेरिकी सहायता को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। ट्रंप के कार्यकारी आदेश के तहत, बांग्लादेश में चल रहे सभी अमेरिकी प्रोजेक्ट और सहायता कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी गई है। अमेरिकी एजेंसी USAID ने एक आधिकारिक बयान में इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी प्रकार के अनुदान, अनुबंध और सहायता कार्यक्रम तत्काल रोक दिए गए हैं। इस आदेश के तहत, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और आपदा राहत से जुड़े सभी कार्यों को स्थगित किया गया है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचार का मुद्दा उठाया था। उन्होंने ट्रंप प्रशासन से बांग्लादेश के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की थी। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के पीछे यही मुद्दा एक बड़ा कारण हो सकता है। ट्रंप प्रशासन का यह निर्णय बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। बांग्लादेश को मिलने वाली अमेरिकी सहायता, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान शामिल था, अब पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने इस कार्रवाई के पीछे का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति और मानवाधिकार हनन के मामलों को लेकर अमेरिका की गंभीरता को दर्शाता है। USAID, जो विभिन्न विकासशील देशों में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और मानवीय सहायता के लिए अरबों डॉलर की सहायता प्रदान करता है, ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बांग्लादेश को अब किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी। इस फैसले से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और विकास परियोजनाओं पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
अमेरिका के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई बहस छिड़ गई है। बांग्लादेश की सरकार ने इस फैसले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले ने न केवल बांग्लादेश, बल्कि अन्य विकासशील देशों के लिए भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह देखा जाना बाकी है कि इस निर्णय का बांग्लादेश और अमेरिका के आपसी संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।