Edited By Pardeep,Updated: 14 Feb, 2025 06:32 AM
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मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान, 14 फरवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने...
इंटरनेशनल डेस्कः मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान, 14 फरवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक, तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। वह अब भारत में न्याय का सामना करने के लिए वापस जाएगा।"
अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी
इससे पहले, 25 जनवरी 2024 को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। अदालत ने उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर की गई समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था, और इस तरह से उसकी वापसी की राह साफ हो गई थी।
राणा की गिरफ्तारी और दोषी ठहराया जाना
तहव्वुर राणा जो पाकिस्तान मूल का कनाडाई नागरिक है, 2009 में FBI द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वह 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली का सहायक था। हेडली के साथ मिलकर राणा ने इस जघन्य हमले की योजना बनाई थी।
मुंबई आतंकवादी हमले की चार्जशीट में बताया गया है कि राणा, हेडली की मदद कर रहा था और ISI (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य के रूप में कार्य कर रहा था। वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के लिए काम करता था और इन संगठनों के साथ उसकी गहरी सांठगांठ थी।
तहव्वुर राणा इस समय लॉस एंजिल्स की एक जेल में बंद
तहव्वुर राणा इस समय लॉस एंजिल्स की एक जेल में बंद है, जहां उसे प्रत्यर्पण के लिए न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ा है। अब उसकी वापसी के बाद, भारत में उसे मुंबई हमलों के मामले में न्याय का सामना करना होगा। इस ऐलान के साथ, भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और मजबूत हुआ है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और भी मजबूत करता है।
मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे, और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किया गया था, जिसे दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष की एक गंभीर चुनौती माना गया है। अब तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत में इस मामले में न्याय की उम्मीद को पुनर्जीवित करता है, और यह भारत-अमेरिका सहयोग के एक अहम मील का पत्थर साबित होगा।