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अमेरिका ने अपने नागरिकों को 20 देशों की यात्रा करने से सख्ती से रोका, इन देशों ने भी जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

Edited By Tanuja,Updated: 05 Apr, 2025 03:02 PM

us uk issues do not travel warning for 20 countries

अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और एक अन्य देश ने अपने नागरिकों को अफगानिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए  वहां यात्रा न करने की सख्त सलाह दी ...

International Desk: अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और एक अन्य देश ने अपने नागरिकों को अफगानिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए  वहां यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है। इन देशों ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद, अपहरण, मनमानी गिरफ्तारियां और मानवाधिकार उल्लंघन के खतरे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने 20 देशों के लिए लेवल-4 "यात्रा न करें" (Do Not Travel) एडवाइजरी जारी की है। इसमें अफगानिस्तान भी शामिल है। यह चेतावनी उन देशों के लिए दी गई है जहाँ यात्रियों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है, जिसमें सशस्त्र संघर्ष और अन्य जानलेवा जोखिम शामिल हैं।

 

अमेरिका की सलाह- लेवल 4  यात्रा न करें 
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अनुसार यह लेवल-4 एडवाइजरी यात्रा चेतावनियों में सबसे उच्च स्तर की होती है, जो यह दर्शाती है कि संबंधित देश में हालात बेहद अस्थिर और खतरनाक हैं। अफगानिस्तान के मामले में यह चेतावनी 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए दी गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिकी नागरिकों को इन देशों की यात्रा से बचना चाहिए क्योंकि वहां आतंकवाद, नागरिक अशांति और दूतावासों से मदद न मिलने जैसी समस्याएं हैं। अफगानिस्तान में मौजूदा अमेरिकी नागरिकों को तुरंत सुरक्षित तरीके से देश छोड़ने की सलाह दी गई है।

 

कनाडा का दूतावास बंद, मदद भी मुश्किल 
कनाडा सरकार ने अपने बयान में कहा है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात बेहद खतरनाक हैं। वहां आतंकवादी हमले, हिंसक झड़पें और सशस्त्र संघर्ष लगातार हो रहे हैं। कनाडा ने अपने नागरिकों से कहा है कि जो लोग अफगानिस्तान में मौजूद हैं, वे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। साथ ही, नई यात्रा करने वालों को सलाह दी गई है कि वे पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के बिना अफगानिस्तान न जाएं। कनाडा ने यह भी स्पष्ट किया कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद उसने अपना दूतावास अफगानिस्तान में बंद कर दिया था। ऐसे में किसी आपातकालीन स्थिति में वहां मौजूद वाणिज्य दूतावास भी मदद नहीं कर सकेगा। सहायता मांगने पर देरी हो सकती है या मदद मिलना असंभव हो सकता है।

 

ब्रिटेन  और ऑस्ट्रेलिया ने भी जारी की चेतावनी 
ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने नागरिकों से अफगानिस्तान की यात्रा न करने का आग्रह किया है। उन्होंने तालिबान के नियंत्रण और बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों का हवाला देते हुए नागरिकों को आगाह किया है। अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता संभालने के बाद इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISIS-K) ने अपनी गतिविधियां और तेज कर दी हैं।रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी ISIS-K के हमलों में कथित तौर पर मदद कर रही है। तालिबान प्रशासन अब तक इन आतंकी हमलों को रोकने में नाकाम रहा है, जिससे अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में भी तनाव बना हुआ है। 

 

मानवीय संकट और सुरक्षा खतरे 
अफगानिस्तान इस समय गंभीर मानवीय संकट, आर्थिक तबाही और सुरक्षा खतरों से जूझ रहा है। तालिबान शासन के तहत हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जिससे आम नागरिकों के लिए स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। इन देशों ने चेतावनी में मानवाधिकारों के हनन, खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का भी उल्लेख किया है। तालिबान शासन में महिलाओं की आज़ादी पर पाबंदियां और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है। लेवल-4 सूची में अफगानिस्तान के अलावा यूक्रेन, हैती, ईरान, रूस और यमन जैसे देश भी शामिल हैं। हर देश की अपनी अलग चुनौतियाँ हैं, जिनमें सशस्त्र संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता और व्यापक हिंसा जैसी स्थितियाँ प्रमुख हैं।

 

 

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