Edited By Tanuja,Updated: 30 Jul, 2024 12:39 PM
दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों लोग राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ रहे हैं और विवादित चुनाव में राष्ट्रपति निकोलस...
वॉशिंगटन: दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों लोग राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ रहे हैं और विवादित चुनाव में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की जीत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस्ला मार्गरीटा के पोर्लामार में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (PSUV) से जुड़े एक भवन को लूट लिया और उसमें आग लगा दी। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते तनाव और अशांति को उजागर करती है, क्योंकि सरकार की नीतियों के विरोध में आंदोलन तेज हो रहा है।
28 जुलाई को वेनेजुएला के चुनाव में निकोलस मादुरो को विजेता घोषित किया गया था। नेशनल इलेक्टोरल काउंसिल ने कहा कि मादुरो ने मुख्य विपक्षी उम्मीदवार एडमंडो गोंजालेज को पछाड़ते हुए 51 फीसदी मत हासिल किए हैं। अमेरिका ने मादुरो की जीत को अविश्वसनीय बताया है। सोशल मीडिया पर लोग प्रदर्शन की तस्वीरें और 'तानाशाह को मार गिराओ' जैसे कैप्शन साझा कर रहे हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सैन्य काफिले देखे गए हैं। मादुरो की जीत के अगले ही दिन विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिन पर पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी थी। विपक्ष ने मादुरो की जीत को धोखाधड़ी बताया है और कहा कि उनके उम्मीदवार एडमंडो गोंजालेज को 73.2 फीसदी वोट मिले हैं।
मादुरो से जनता नाराज क्यों ?
चुनाव से पहले ओपिनियन पोल ने एडमंडो की स्पष्ट जीत की संभावना जताई थी। देश के आर्थिक संकट को लेकर जनता में असंतोष है। 11 साल से मादुरो सत्ता में हैं, जिन्हें हटाने के लिए विपक्षी दल गोंजालेज के साथ एकजुट हो गए हैं। कई पश्चिमी और लैटिन अमेरिकी देशों और संयुक्त राष्ट्र ने वेनेजुएला के अधिकारियों से हर पोलिंग स्टेशन के मतदान रिकॉर्ड जारी करने का आह्वान किया है। लोग विरोध में अपने घरों और सड़कों पर बर्तन और तवे बजा रहे थे। फुटेज में काराकास की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोगों को देखा जा सकता है। टायर जलाए जा रहे हैं और पुलिस लोगों को राष्ट्रपति भवन की ओर जाने से रोकने के लिए मोटरबाइकों पर आंसू गैस छोड़ रही है। मादुरो समर्थक अर्धसैनिक बल भी इकट्ठा हो रहे हैं। 41 वर्षीय पाओला सरजालेजो ने कहा कि वोटिंग में भयानक धोखाधड़ी हुई थी। हम 70 फीसदी से जीते हैं, लेकिन उन्होंने फिर से हमारे चुनाव को छीन लिया। उनके पिता मिगुएल ने सहमति जताते हुए कहा कि हम अपने युवाओं और देश के लिए बेहतर भविष्य चाहते हैं। मादुरो चुनाव हार गए हैं, उन्हें राष्ट्रपति भवन में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
विपक्ष ने अपनी जीत का दिया सबूत
वेनेजुएला में हजारों लोगों के प्रदर्शन के बीच विपक्ष के उम्मीदवार एडमुंडो गोंजालेज ने सोमवार को घोषणा की कि उनके प्रचार अभियान दल के पास जरूरत पड़ने पर यह दिखाने के लिए सबूत है कि उन्होंने देश का राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता है लेकिन चुनावी प्राधिकारियों ने उनके हिस्से की जीत राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को दे दी है। गोंजालेज और विपक्ष की नेता मारिया कोरिना मचाडो ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने रविवार को हुए चुनाव में 70 प्रतिशत से अधिक ‘टैली शीट' प्राप्त की हैं जो दिखाती हैं कि गोंजालेज को मादुरो से दोगुने से भी अधिक वोट मिले हैं। दोनों नेताओं ने मादुरो को विजेता घोषित किए जाने के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांत रहने की अपील की है। इससे पहले, मादुरो की सत्तारूढ़ यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी ऑफ वेनेजुएला की वफादार माने जाने वाली राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने मादुरो को आधिकारिक रूप से विजेता घोषित किया था।
इसलिए शुरू हो गया बवाल
देश की राजधानी में ज्यादातर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे लेकिन जब राष्ट्रीय पुलिस अधिकारियों ने लोगों को आगे बढ़ने से रोका तो बवाल शुरू हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया। मचाडो ने पत्रकारों से कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि मादुरो तथा गोंजालेज को क्रमश: 27 लाख और 62 लाख से अधिक वोट मिले हैं। वेनेजुएला के नागरिक इलेक्ट्रॉनिक मशीन के जरिए वोट डालते हैं जिनमें उनका वोट दर्ज होता है और प्रत्येक मतदाता को एक पर्ची दी जाती है जो उनके पसंदीदा उम्मीदवार को दिखाती है जिसके लिए उन्होंने वोट किया है। मतदाताओं को मतदान केंद्र से बाहर निकलने से पहले अपनी पर्ची मतपेटी में जमा करानी होती है। जब मतदान समाप्त हो जाता है तो प्रत्येक मशीन एक ‘टैली शीट' प्रकाशित करती है जिसमें उम्मीदवारों के नाम और उन्हें मिले वोटों की जानकारियां होती हैं। चुनाव प्राधिकारियों ने सोमवार शाम तक भी 30,000 वोटिंग मशीन के लिए टैली शीट जारी नहीं की थी। अमेरिका और यूरोपीय संघ समेत कई विदेशी सरकारों ने चुनाव परिणामों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। एपी