Edited By Tanuja,Updated: 04 Dec, 2024 01:35 PM
दुनिया की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियां अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखती हैं, खासकर उन एस्टेरॉयड्स और नजदीकी...
International Desk: दुनिया की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियां अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखती हैं, खासकर उन एस्टेरॉयड्स और नजदीकी वस्तुओं (NEO) पर जो पृथ्वी के करीब आते हैं। हाल ही में, एक एस्टेरॉयड तेज़ी से पृथ्वी की ओर बढ़ते हुए देखा गया था, लेकिन इसे वैज्ञानिकों ने पहले ही ट्रैक कर लिया था। यह घटना रूस के याकुतिया क्षेत्र में हुई, जहां एक 70 सेंटीमीटर आकार का एस्टेरॉयड पृथ्वी की सतह से टकरा गया। एस्टेरॉयड का यह बड़ा टकराव केवल 12 घंटे पहले ही वैज्ञानिकों के रडार पर आया था, जब इसे पहली बार देखा गया। जब यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश किया, तो यह कई छोटे टुकड़ों में टूटकर फैल गया। इसके परिणामस्वरूप, छोटे पत्थरों के रूप में ये टुकड़े जंगली इलाकों में बिखर गए। घटना की सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि इसका आकार छोटा था और यह एक निर्जन क्षेत्र में गिरा, इसलिए किसी भी तरह की जनहानि या चोटें नहीं हुईं।
Asteroid #C0WEPC5 in Olekminsk, Russia pic.twitter.com/iOnUvRf6bI
— Kirill Bakanov (@WeatherSarov1) December 3, 2024
याकुतिया के आपातकालीन मंत्रालय ने जैसे ही एस्टेरॉयड के पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने की जानकारी पाई, उन्होंने तुरंत सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क कर दिया। इसके कुछ समय बाद ही यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने इस घटना के बारे में जानकारी दी। एजेंसी ने बताया कि एस्टेरॉयड का आकार लगभग 70 सेंटीमीटर था और यह घटना 12 घंटे बाद पृथ्वी पर टकराई थी, जिसे आसमान में देखा गया था। इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और लाखों लोग इसे देख चुके हैं। इस वीडियो में एस्टेरॉयड के पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने और उसके छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटने की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
यह वीडियो इस अप्रत्याशित घटना का गवाह है और लोगों को यह एहसास दिलाता है कि अंतरिक्ष में क्या कुछ हो सकता है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि एस्टेरॉयड्स और नजदीकी वस्तुओं पर अंतरिक्ष एजेंसियों की निगरानी कितनी महत्वपूर्ण है। यह निगरानी संभावित खतरों को समय रहते पहचानने और उनसे निपटने के लिए अहम साबित होती है। इस प्रकार की घटनाओं से भविष्य में संभावित खतरों को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे पृथ्वी और इसके निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।