Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 28 Mar, 2025 08:56 PM

नेपाल में राजशाही समर्थकों और पुलिस के बीच शुक्रवार को काठमांडू में भयंकर झड़प हुई, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। यह झड़प तब हुई जब प्रदर्शनकारियों ने नेपाल में राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की पुनर्स्थापना की मांग करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन...
इंटरनेशनल डेस्क: नेपाल में राजशाही समर्थकों और पुलिस के बीच शुक्रवार को काठमांडू में भयंकर झड़प हुई, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। यह झड़प तब हुई जब प्रदर्शनकारियों ने नेपाल में राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की पुनर्स्थापना की मांग करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, कई वाहन जला दिए गए और एक टीवी स्टेशन पर हमला भी किया गया। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाईं। राजधानी काठमांडू में स्थिति बेकाबू होती देख प्रशासन ने तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने ‘राजा आओ, देश बचाओ’, ‘भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद’ और ‘हमें राजतंत्र वापस चाहिए’ जैसे नारे लगाए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, झड़प तब और बढ़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की और पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और बल प्रयोग किया। हालात बिगड़ने के बाद कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
क्यों उठा नेपाल में फिर राजशाही की मांग?
नेपाल कभी दुनिया का आखिरी हिंदू राजतंत्र था। यह 240 साल तक हिंदू राष्ट्र रहा, लेकिन 2008 में इसे लोकतांत्रिक देश घोषित कर दिया गया। 2006 के जन आंदोलन के बाद नेपाल में राजशाही का अंत हो गया था। तब से अब तक नेपाल में 13 अलग-अलग सरकारें बन चुकी हैं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट के चलते लोगों का भरोसा लोकतंत्र से उठता जा रहा है।
कई नागरिकों का मानना है कि नेपाल में लोकतंत्र सफल नहीं हुआ और देश की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इस वजह से बड़ी संख्या में लोग अब राजशाही की वापसी की मांग कर रहे हैं। कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने पहले राजशाही का विरोध किया था, लेकिन अब उन्हें लगता है कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को देश की कमान संभालनी चाहिए।
क्या नेपाल फिर बनेगा हिंदू राष्ट्र?
नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग भी जोर पकड़ रही है। प्रदर्शनकारी न केवल राजशाही की बहाली चाहते हैं, बल्कि नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग भी कर रहे हैं। नेपाल में 80% से अधिक हिंदू आबादी है, और कई लोग मानते हैं कि राजशाही के दौर में देश की स्थिति बेहतर थी। अब सवाल यह उठता है कि क्या नेपाल दोबारा हिंदू राष्ट्र बनेगा या लोकतंत्र को बचाने के लिए सरकार कोई बड़ा कदम उठाएगी?
नेपाल सरकार ने स्थिति को काबू में रखने के लिए काठमांडू और अन्य संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नेपाल में लोकतंत्र और राजशाही के बीच यह संघर्ष क्या नया मोड़ लेगा, यह देखने वाली बात होगी। आने वाले दिनों में नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।