Edited By Pardeep,Updated: 06 Jan, 2025 10:57 PM
जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के गर्वर्निंग नेता के तौर पर इस्तीफा देने की घोषणा के बाद से इस पर चर्चा तेज है कि अब उनकी जगह पार्टी का नेता कौन बनेगा। टोरंटो की सांसद और पूर्व उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड का नाम शीर्ष दावेदारों में से एक है।
इंटरनेशनल डेस्कः जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के गर्वर्निंग नेता के तौर पर इस्तीफा देने की घोषणा के बाद से इस पर चर्चा तेज है कि अब उनकी जगह पार्टी का नेता कौन बनेगा। टोरंटो की सांसद और पूर्व उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड का नाम शीर्ष दावेदारों में से एक है। वहीं, पूर्व सेंट्रल बैंकर मार्क कार्नी का नाम भी इस सूची में है। ट्रूडो ने खुद ये स्वीकार किया था कि वो कार्नी को अपनी टीम में शामिल करना चाहते हैं। इस लिस्ट में परिवहन मंत्री अनिता आनंद का भी नाम है। कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जोली का भी नाम है।
इसके साथ ही जस्टिन ट्रूडो के नौ साल के शासन का अंत होने जा रहा है। कहा जा रहा है कि जस्टिन ट्रूडो की मतदाताओं के बीच कम होती लोकप्रियता के कारण लिबरल पार्टी के भीतर से ही इस्तीफे का दबाव था। कनाडा में इसी साल अक्टूबर से पहले चुनाव होने हैं। ट्रूडो पिछले कुछ समय से न केवल विदेशी मोर्चे पर जूझ रहे हैं बल्कि घरेलू राजनीति में भी उनके लिए कई मुश्किलें खड़ी हुई हैं। ऐसे सर्वे आए हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी चुनाव हार सकती है।
दिलचस्प है कि पड़ोसी देश अमेरिका में ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति की कमान संभालने जा रहे हैं, तब ट्रूडो ने इस्तीफे की घोषणा की है। दरअसल ट्रंप ने कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। ट्रंप की इस चेतावनी के बाद ट्रूडो उनसे मिलने अमेरिका गए थे लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला था। यहां तक कि ट्रंप ने कनाडा को 51वां राज्य बताना शुरू कर दिया था।
दरअसल, कनाडा के कुल निर्यात का 75 प्रतिशत निर्यात अमेरिका में होता है। ऐसे में 25 फ़ीसदी टैरिफ़ कनाडा पर बहुत भारी पड़ेगा। ट्रूडो के इस्तीफ़े के बारे में ख़बर के आने के बाद से ही भारतीय मीडिया में कहा जा रहा है कि भारत के साथ संबंधो में तल्ख़ी ने भी कहीं न कहीं उनकी लोकप्रियता को धक्का पहुंचाया और बात इस्तीफ़े तक आ गई।