मैक्रों ने आखिर मिशेल बार्नियर को ही क्यों चुना फ्रांस का प्रधानमंत्री, जानें कौन हैं नए PM

Edited By Tanuja,Updated: 05 Sep, 2024 05:40 PM

why macron choose michel barnier as the prime minister of france

5 सितंबर 2024 में, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मिशेल बार्नियर को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह नियुक्ति तब हुई जब जून 2024 के...

Paris: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आज मिशेल बार्नियर को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह नियुक्ति तब हुई जब जून 2024 के संसदीय चुनावों के बाद कोई पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाई और सरकार बनाने में संकट पैदा हो गया। बार्नियर की राजनीतिक अनुभव और यूरोपीय संघ के साथ उनके मजबूत संबंध उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में एक स्थिर और विश्वसनीय विकल्प बनाते हैं। मिशेल बार्नियर (Michel Barnier) फ्रांस के एक अनुभवी और सम्मानित राजनेता हैं, जो यूरोपीय संघ (EU) के प्रमुख ब्रेक्सिट वार्ताकार के रूप में खासे चर्चित हुए। उन्होंने 2016 से 2021 तक ब्रेक्सिट के दौरान यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच होने वाली बातचीत का नेतृत्व किया। इसके अलावा, उन्होंने कई महत्वपूर्ण फ्रांसीसी और यूरोपीय राजनीतिक पदों पर काम किया है। 

 

शिक्षा और जनीतिक करियर
जन्म: मिशेल बार्नियर का जन्म 9 जनवरी 1951 को फ्रांस के अल्बर्विल में हुआ।  उन्होंने पेरिस के ESCP बिजनेस स्कूल से स्नातक किया, जो दुनिया के प्रमुख बिजनेस स्कूलों में से एक है। बार्नियर का राजनीतिक करियर काफी लंबा और विविध रहा है। वह कंजरवेटिव पार्टी (Les Républicains) से जुड़े हैं और फ्रांस और यूरोपीय संघ दोनों स्तरों पर विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।

PunjabKesari

फ़्रांसीसी सरकार में कार्यकाल 
1993-1995: पर्यावरण मंत्री के रूप में काम किया।
1995-1997: यूरोपीय मामलों के मंत्री बने।
2004-2005: फ्रांस के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया।
2009-2010: फ्रांस के कृषि मंत्री बने।


यूरोपीय संघ (EU) में भूमिकाएं
2010-2014: यूरोपीय संघ के आंतरिक बाजार आयुक्त के रूप में, उन्होंने बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के सुधारों पर काम किया।
2016-2021: यूरोपीय संघ के मुख्य ब्रेक्सिट वार्ताकार रहे, जहां उन्होंने ब्रिटेन के साथ यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए बातचीत की। इस भूमिका ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
2021 राष्ट्रपति चुनाव की कोशिश 
2021 में, बार्नियर ने फ्रांस के राष्ट्रपति चुनावों के लिए कंजरवेटिव पार्टी का टिकट पाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पार्टी से समर्थन नहीं मिला। इस चुनाव अभियान के दौरान, उन्होंने अपने सामान्य मध्यमार्गी रुख से हटकर आव्रजन जैसे मुद्दों पर सख्त रुख अपनाया, जो फ्रांस की दूर-दराज़ की राजनीति से मेल खाता था।

PunjabKesari
 

मैक्रों ने आखिर मिशेल बार्नियर को ही क्यों चुना प्रधानमंत्री 

 

 व्यापक राजनीतिक अनुभव व ब्रेक्सिट वार्ता में नेतृत्व 
मिशेल बार्नियर के पास दशकों का राजनीतिक अनुभव है, जो उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाता है। उन्होंने विभिन्न फ्रांसीसी सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया है और यूरोपीय संघ में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। उनका राजनीतिक करियर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक है, जो उन्हें एक स्थिर और अनुभवी नेता के रूप में प्रस्तुत करता है। यूरोपीय संघ के ब्रेक्सिट वार्ताकार के रूप में बार्नियर ने यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच जटिल वार्ताओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस अनुभव ने उन्हें एक कुशल वार्ताकार और नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया। मैक्रों के लिए, इस अनुभव का लाभ उठाना महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर फ्रांस और यूरोप के बीच संबंधों को मज़बूत करने के लिए।

 

संसदीय गतिरोध को सुलझाने की कोशिश
बार्नियर एक मध्यमार्गी और संतुलित नेता माने जाते हैं, जो राजनीतिक ध्रुवीकरण के समय में स्थिरता ला सकते हैं। वे न तो चरम वामपंथी हैं और न ही चरम दक्षिणपंथी, जो उन्हें विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ काम करने में सक्षम बनाता है। मैक्रों, जिनकी खुद की राजनीति भी मध्यमार्गी है, के लिए बार्नियर एक प्राकृतिक सहयोगी हो सकते हैं। 2024 के संसदीय चुनावों में मैक्रों की पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, जिससे सरकार बनाने में असमर्थता पैदा हुई। बार्नियर का अनुभव और उनकी राजनीतिक कूटनीति संसद में विभिन्न दलों के साथ समझौता करने में मददगार हो सकती है। वे एक स्वीकार्य विकल्प हो सकते हैं, खासकर तब, जब दूसरे संभावित उम्मीदवार पर्याप्त समर्थन जुटाने में विफल हो रहे थे।

 

विपक्ष के साथ काम करने की क्षमता व यूरोपीय समर्थक दृष्टिकोण  
हालाँकि बार्नियर एक कंजरवेटिव नेता हैं, लेकिन उनके पुराने राजनीतिक अनुभव और यूरोपीय संघ में काम करने के कारण उन्हें विपक्ष के साथ काम करने में दक्षता हासिल है। राष्ट्रीय रैली (RN) जैसे दूर-दराज़ दलों ने भी यह संकेत दिया कि अगर बार्नियर कुछ शर्तें मानते हैं तो वे उन्हें तुरंत खारिज नहीं करेंगे। इससे यह उम्मीद बनती है कि वह फ्रांस की मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता को संभाल सकते हैं। मैक्रों की तरह, बार्नियर भी एक मजबूत यूरोपीय संघ समर्थक नेता हैं। मैक्रों की यूरोपीय संघ के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने की नीति के तहत, बार्नियर की नियुक्ति इस दिशा में भी एक सही कदम है। ब्रेक्सिट वार्ता के दौरान यूरोप के प्रति बार्नियर की वफादारी स्पष्ट थी, और उनका यूरोपीय अनुभव फ्रांस को यूरोप में एक प्रमुख भूमिका निभाने में मदद कर सकता है।

 

आव्रजन पर सख्त रुख 
हालाँकि बार्नियर सामान्यतः एक उदारवादी नेता रहे हैं, लेकिन उन्होंने 2021 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आव्रजन पर सख्त रुख अपनाया था। यह रुख उन्हें दूर-दराज़ की पार्टियों, जैसे कि नेशनल रैली (RN), के लिए कुछ हद तक स्वीकार्य बनाता है, जो इस मुद्दे पर कड़ा रुख रखते हैं। मैक्रों के लिए यह महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि आव्रजन एक प्रमुख मुद्दा है, और RN जैसी पार्टियों का समर्थन पाने में बार्नियर मददगार हो सकते हैं। RN ने यह संकेत दिया है कि वे चाहते हैं कि संसद जल्द से जल्द भंग हो और नए चुनाव हों। बार्नियर, जो विपक्ष के साथ संवाद करने की क्षमता रखते हैं, इस मामले को संभालने के लिए सही व्यक्ति हो सकते हैं, जबकि मैक्रों अभी और चुनावों से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!