Edited By Parveen Kumar,Updated: 05 Feb, 2025 10:59 PM
![xi jinping meets pakistan president zardari](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_22_50_0105678018-ll.jpg)
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को यहां पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और कहा कि चीन और पाकिस्तान ने एक-दूसरे को ‘दृढ़ राजनीतिक समर्थन' दिया है और उनके बीच ‘अटूट' मित्रता है।
इंटरनेशनल डेस्क : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को यहां पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और कहा कि चीन और पाकिस्तान ने एक-दूसरे को ‘दृढ़ राजनीतिक समर्थन' दिया है और उनके बीच ‘अटूट' मित्रता है। सरकारी मीडिया के अनुसार शी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच अटूट मित्रता है तथा हर स्थिति के लिए वे रणनीतिक करीबी साझेदार हैं। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में दोनों देशों ने एक-दूसरे को दृढ़ राजनीतिक समर्थन प्रदान किया है, उच्चस्तरीय घनिष्ठ आदान-प्रदान बनाए रखा है, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाया है।
चीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाली 60 अरब डॉलर की सीपीईसी परियोजना को पाकिस्तान के नेताओं ने परिवर्तनकारी कदम बताया है। लेकिन इस परियोजना के कारण दोनों देशों के बीच तनाव भी पैदा हो गया है। चीन सीपीईसी परियोजना में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर इस्लामी चरमपंथियों द्वारा बार-बार किए जा रहे हमलों से चिंतित है। मंगलवार को पांच दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे जरदारी ने इससे पहले नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष झाओ लेजी से भेंट की।
पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘एपीपी' की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों नेताओं ने चीन-पाकिस्तान संबंधों की आधारशिला के रूप में रणनीतिक आपसी विश्वास को रेखांकित किया। जरदारी के साथ उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार और गृह मंत्री मोहसिन नकवी तथा अन्य अधिकारी भी चीन आए हैं।
जरदारी उन चार नेताओं में शामिल थे जिन्हें चीन ने हार्बिन में नौवें एशियाई शीतकालीन खेलों के लिए आमंत्रित किया था। इस खेल को चीनी विदेश मंत्रालय ने ‘2022 बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के बाद चीन द्वारा आयोजित एक और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शीतकालीन खेल आयोजन' बताया था। आमंत्रित नेताओं में जरदारी के अलावा किर्गिस्तान, ब्रुनेई और थाईलैंड के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल थे।