Edited By Rahul Rana,Updated: 17 Dec, 2024 08:45 AM
दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस की कमाई के आंकड़े आपको चौंका सकते हैं। अमेज़न के फाउंडर बेजोस ने अपनी सैलरी को 20 सालों के लिए 80,000 डॉलर (लगभग 67 लाख रुपये) पर तय किया है। हालांकि उनकी असल कमाई इससे कहीं ज्यादा है क्योंकि बेजोस की...
इंटरनेशनल डेस्क। दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस की कमाई के आंकड़े आपको चौंका सकते हैं। अमेज़न के फाउंडर बेजोस ने अपनी सैलरी को 20 सालों के लिए 80,000 डॉलर (लगभग 67 लाख रुपये) पर तय किया है। हालांकि उनकी असल कमाई इससे कहीं ज्यादा है क्योंकि बेजोस की नेटवर्थ 246 अरब डॉलर (करीब 20 लाख करोड़ रुपये) है। इसके बावजूद उनका कहना है कि उन्हें इससे ज्यादा की कोई जरूरत नहीं है।
कम सैलरी लेकिन असल कमाई कहीं ज्यादा
सूत्रों के मुताबिक बेजोस ने अपनी सालाना सैलरी 80,000 डॉलर तय की है जो कि अमेज़न में उनकी बड़ी हिस्सेदारी के मुकाबले बहुत कम है। बेजोस के मुताबिक वह कंपनी के फाउंडर हैं और उन्हें कंपनी से सैलरी या अन्य फायदे की कोई आवश्यकता नहीं है। इसी कारण उन्होंने 20 सालों तक यही सैलरी रखने का फैसला किया है।
दूसरी तरफ एलन मस्क के टेस्ला पैकेज को लेकर विवाद चल रहा है और अदालत ने उनकी सैलरी को सही मानने से इनकार कर दिया है। इस मामले में बेजोस का रुख अलग है क्योंकि उन्होंने खुद ही अपनी सैलरी कम रखी है।
क्या है बेजोस की असल कमाई?
अब सवाल यह है कि बेजोस तो 80,000 डॉलर सालाना ही कमाते हैं तो फिर उनकी असल कमाई कितनी होती है? बेजोस की हर घंटे की कमाई को देखकर आप हैरान रह जाएंगे। उनकी प्रति घंटा कमाई 8 मिलियन डॉलर यानी करीब 67 करोड़ रुपये है। यह कमाई अमेज़न में उनकी हिस्सेदारी से आती है न कि उनकी सैलरी से।
शेयर बेच रहे हैं बेजोस
अमेज़न के CEO पद से हटने के बाद बेजोस ने कंपनी के शेयर बेचने शुरू कर दिए हैं। उनका लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक वह 25 मिलियन शेयर बेच लें। बेजोस ने कंपनी से किसी भी तरह का बोनस या अन्य भुगतान लेने से मना कर दिया है। उन्होंने हाल ही में कहा था कि उन्होंने कंपनी की बोर्ड कमेटी से यह अनुरोध किया था कि उन्हें कोई भी कंपनसेशन (वेतन या बोनस) न दिया जाए। उनका कहना है कि अगर वे कंपनसेशन लेते तो यह उन्हें ठीक नहीं लगता और वह इस फैसले पर गर्व महसूस करते हैं।
कम सैलरी का टैक्स पर असर
जेफ बेजोस और अन्य बड़े अमीरों के लिए एक और फायदा यह है कि कम सैलरी लेने के कारण उनका टैक्स भी कम बनता है। बेजोस ने 2007 और 2011 में फेडरल इनकम टैक्स नहीं चुकाया क्योंकि उन्होंने निवेश घाटे की रिपोर्ट सबमिट की थी जो उनके वेतन से ज्यादा थी। इसके चलते वह टैक्स बचाने में सफल रहे। इस तरह के टैक्स कानूनों का फायदा कई बड़े अमीरों जैसे एलन मस्क, वॉरेन बफेट और अन्य अरबपतियों ने भी उठाया है।
अमेरिका में अधिकतम फेडरल इनकम टैक्स दर 37% है, लेकिन विश्लेषणों में पाया गया है कि इन अरबपतियों ने इससे कहीं कम यानी केवल 4% से भी कम टैक्स चुकाया है।
जेफ बेजोस अपनी सैलरी बहुत कम रखकर भी अपनी हिस्सेदारी और निवेश से करोड़ों-करोड़ कमा रहे हैं। उन्होंने इस तरीके को अपनाया है ताकि वह टैक्स बचा सकें और अपने फैसले पर गर्व महसूस कर सकें। इसके बावजूद उनकी हर घंटे की कमाई 67 करोड़ रुपये से ज्यादा है जो यह साबित करता है कि उनकी असल संपत्ति सैलरी से नहीं बल्कि उनकी अमेज़न में हिस्सेदारी से आती है।