Edited By Tanuja,Updated: 02 Jun, 2024 05:18 PM
एशिया का प्रमुख सुरक्षा शिखर सम्मेलन शांगरी ला डायलॉग सिंगापुर में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को दावा किया कि चीन अन्य देशों पर आगामी यूक्रेन शांति वार्ता में शामिल न होने का दबाव बना रहा है। जेलेंस्की ने यूक्रेन में जारी...
सिंगापुर: एशिया का प्रमुख सुरक्षा शिखर सम्मेलन शांगरी ला डायलॉग सिंगापुर में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को दावा किया कि चीन अन्य देशों पर आगामी यूक्रेन शांति वार्ता में शामिल न होने का दबाव बना रहा है। जेलेंस्की ने यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर स्विटजरलैंड द्वारा प्रस्तावित शांति सम्मेलन को बाधित करने में रूस की मदद करने का चीन पर आरोप लगाया। सिंगापुर में शांगरी-ला रक्षा मंच पर संवाददाता सम्मेलन में जेलेंस्की ने कहा कि चीन अन्य देशों पर आगामी यूक्रेन शांति वार्ता में शामिल न होने का दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘रूस, क्षेत्र में चीनी प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए, शांति शिखर सम्मेलन को बाधित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।''
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीन जैसा शक्तिशाली देश पुतिन (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन) के हाथों की कठपुतली है।'' इससे पहले दिन में एशिया के सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों से आगामी शिखर सम्मेलन में भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि वह कुछ देशों द्वारा इसमें शामिल होने के लिए प्रतिबद्धता जताने में विफल रहने से निराश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम विभिन्न प्रस्तावों और विचारों को सुनने के लिए तैयार हैं, ताकि युद्ध की समाप्ति हो सके और कोई स्थायी समाधान निकाला जा सके।'' जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने सिंगापुर के प्रधानमंत्री से मुलाकात करने की योजना बनाई है और वह उनसे स्विट्जरलैंड वार्ता में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने का आग्रह करेंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि रूस को चीन का समर्थन यूक्रेन में युद्ध को लंबा खींच सकता है। उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों से शांति सम्मेलन में भाग लेने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि रूस सम्मेलन में बाधा डालने का प्रयास कर रहा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस दौरान कहा कि चीन के समर्थन के कारण रूस लंबे समय तक संघर्ष को खींचेगा। चीन घोषणा करता है कि वह क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का समर्थन करता है। वह आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा करता है। ऐसे में चीन की यह नीतियां उनके और पूरी दुनिया के लिए खतरनाक होंगी। जेलेंस्की ने संकेत दिया कि रूस के हथियार ज्यादातर चीन से आते हैं।