Edited By Tanuja,Updated: 10 Feb, 2025 04:09 PM
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने साफ किया है कि युद्ध के दौरान चुनाव कराना देश के लिए घातक साबित हो सकता है। उन्होंने...
International Desk: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने साफ किया है कि युद्ध के दौरान चुनाव कराना देश के लिए घातक साबित हो सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चुनावों के लिए मार्शल लॉ (सैन्य कानून) को निलंबित किया गया, तो *यूक्रेन अपनी सेना खो देगा, जिससे रूस को भारी फायदा मिलेगा।
ब्रिटिश समाचार चैनल ITV न्यूज को दिए इंटरव्यू में ज़ेलेंस्की ने कहा कि युद्ध के समय चुनाव कराना न केवल मुश्किल है बल्कि यह रूस के लिए एक सुनहरा मौका** बन सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि "हम सब चाहते हैं कि युद्ध जल्द खत्म हो और चुनाव हों। लेकिन जब तक युद्ध जारी है, हमारे नागरिक भी चुनावों के खिलाफ हैं। अगर हमें चुनाव कराने हैं, तो पहले मार्शल लॉ को हटाना होगा। लेकिन अगर हम ऐसा करते हैं, तो सेना खत्म हो जाएगी।"
उन्होंने समझाया कि मार्शल लॉ हटते ही सैनिकों को कानूनी रूप से सेना में रोका नहीं जा सकेगा और वे अपने घर लौटने का पूरा अधिकार रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सैनिक घर लौट जाते हैं, तो सेना का मनोबल टूट जाएगा और रूस इसका फायदा उठाकर हम पर भारी हमला कर सकता है।" ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनी सेना के जवान, जो युद्ध के मोर्चे पर तैनात हैं , उनके लिए मतदान करना बेहद मुश्किल होगा। इसके अलावा, वे लाखों लोग जो रूस-नियंत्रित इलाकों में रह रहे हैं या युद्ध के कारण विदेश चले गए हैं, वे भी वोट नहीं डाल पाएंगे।
ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस इस स्थिति का फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगा। अगर चुनाव होते हैं और लाखों यूक्रेनी नागरिक, जो विदेश में हैं या रूस के कब्जे वाले इलाकों में हैं, वे मतदान नहीं कर पाते, तो रूस चुनाव को अवैध घोषित कर देगा। उन्होंने क्रीमिया के जबरन जनमत संग्रह का उदाहरण देते हुए कहा कि रूस की रणनीति हमेशा से ऐसी ही रही है। रूस कहेगा कि यह चुनाव वैध नहीं है। हालांकि हमें उनकी राय की परवाह नहीं है, लेकिन इससे देश में अस्थिरता पैदा होगी, जो रूस चाहता है। ज़ेलेंस्की के अनुसार, चुनाव तभी संभव होंगे जब युद्ध खत्म होगा और देश में स्थिरता लौटेगी। जब तक हमारे सैनिक युद्ध लड़ रहे हैं और नागरिकों की सुरक्षा खतरे में है, तब तक चुनाव कराना सही फैसला नहीं होगा।"