Edited By Pardeep,Updated: 29 Dec, 2024 10:25 PM
झारखंड सरकार ने रविवार को कहा कि मध्य अफ्रीका के देश कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों में से 11 को राज्य में लाया गया है तथा शेष श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास जारी हैं।
रांचीः झारखंड सरकार ने रविवार को कहा कि मध्य अफ्रीका के देश कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों में से 11 को राज्य में लाया गया है तथा शेष श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास जारी हैं। यह घटनाक्रम राज्य सरकार द्वारा अफ्रीकी देश में फंसे राज्य के 47 श्रमिकों को कथित तौर पर वेतन का भुगतान न करने के आरोप में मुंबई स्थित एक फर्म और कुछ बिचौलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद सामने आया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘कैमरून में फंसे झारखंड के 47 प्रवासी श्रमिकों में से 11 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देशानुसार राज्य लाया गया। सभी श्रमिकों को श्रम विभाग द्वारा उनके घर भेज दिया गया। शेष 36 श्रमिकों की वापसी भी सुनिश्चित की जा रही है।''
इस महीने की शुरुआत में श्रम आयुक्त ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह पुलिस थानों में बिचौलियों और नियोक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। मुख्यमंत्री को शिकायत मिली थी कि इन श्रमिकों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। बयान में कहा गया है कि सरकार द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद श्रमिकों को वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई।
बयान में कहा गया है कि नियंत्रण कक्ष की टीम लगातार ईमेल और फोन के माध्यम से अधिकारियों, कंपनी और श्रमिकों से संपर्क कर रही है और श्रमिकों को कुल बकाया राशि 39.77 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। आरोप है कि नियोक्ताओं और बिचौलियों ने इन श्रमिकों को अंतर-राज्यीय प्रवासी श्रमिक (रोजगार विनियमन और सेवा शर्तें) अधिनियम, 1979 के तहत पंजीकृत किए बिना और आवश्यक लाइसेंस प्राप्त किए बिना कैमरून भेज दिया।