Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Jul, 2024 07:08 AM
हर माह में दो बार एकादशी का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार 17 जुलाई बुधवार को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन जगत के पालनहर्ता निद्रा में चले जाते हैं
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Devshayani Ekadashi: हर माह में दो बार एकादशी का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार 17 जुलाई बुधवार को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन जगत के पालनहर्ता निद्रा में चले जाते हैं और अगले चार महीने तक भगवान शिव इस दुनियां की ड़ोर को संभालते हैं। देवशयनी एकादशी तिथि से लेकर देवउठनी एकादशी तक की अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है लेकिन वहीं अगर आप इस समय में पूजा-पाठ व कुछ खास उपाय करते हैं तो वो कभी भी विफल नहीं होते हैं। अगर आप भी देवशयनी एकादशी के दिन इस स्त्रोत का पाठ करते हैं तो जीवन में आने वाली कठिनाइयां अपने आप मुंह मोड़ लेती हैं। तो चलिए जानते हैं कौन से हैं वो स्त्रोत्र-
सूर्य के लिए: जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोSस्मि दिवाकरम्।। 1।।
चंद्रमा के लिए: दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम्।
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्।। 2।।
मंगल के लिए: धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्।। 3।।
बुध के लिए: प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।। 4।।
बृहस्पति के लिए: देवानां च ऋषीणां च गुरूं कांचनसन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् ।। 5।।
शुक्र के लिए: हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूम्।
सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।। 6।।
शनि के लिए: नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। 7।।
राहु के लिए: अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्।
सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।। 8।।
केतु के लिए: पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।। 9।।
इति व्यासमुखोद्गीतं यः पठेत् सुसमाहितः।
दिवा वा यदि वा रात्रौ विघ्नशान्तिर्भविष्यति ।। 10।।
Benefits of path पाठ करने के फायदे
इस दिन नव ग्रह स्तोत्र का पाठ करने से हर तरह के दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन भी सुखी हो जाता है।
इसके अलावा ये पाठ आपके जीवन की समस्त परेशानियों को दूर करने का काम करता है।
इस नव ग्रह स्तोत्र के पाठ से आने वाला बुरा समय भी खुशनुमा हो जाता है।