Edited By ,Updated: 23 Feb, 2016 11:50 AM

जीवन में हर इनसान चाहता है कि माता लक्ष्मी उससे प्रसन्न रहें और उसके घर में धन और सुख-समृद्धि की वर्षा करें। प्राचीनकाल से ही मनुष्य में धन पाने की ललक रही है इसलिए
जीवन में हर इनसान चाहता है कि माता लक्ष्मी उससे प्रसन्न रहें और उसके घर में धन और सुख-समृद्धि की वर्षा करें। प्राचीनकाल से ही मनुष्य में धन पाने की ललक रही है इसलिए हमारे धर्म शास्त्रों में धन प्राप्ति के बहुत सारे साधन बताएं हैं लेकिन धन पाने का जो अत्य़धिक पुरातण मंत्र है वह ऋग्वेद में दिया गया है।
'ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरिरेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।´ ऋग्वेद (4/32/20-21)
अर्थात: हे लक्ष्मीपते ! आप दानी हैं, साधारण दानदाता ही नहीं बहुत बड़े दानी हैं। आप्तजनों से सुना है कि संसार भर से निराश होकर जो याचक आप से प्रार्थना करता है, उसकी पुकार सुनकर उसे आप आर्थिक कष्टों से मुक्त कर देते हैं ,उसकी झोली भर देते हैं। हे भगवान, मुझे अर्थ संकट से मुक्त कर दो।
इस मंत्र का हर रोज सुबह श्री लक्ष्मीनारायण के सामने दीपक जलाकर जाप करने से संपत्ति से भरी तिजोरी आपके द्वार आएगी।