जानें फर्श पर बैठकर खाना बनाने के फायदें

Edited By Auto Desk,Updated: 25 Mar, 2022 01:27 PM

learn the benefits of cooking while sitting on the floor

मॉडर्न लाइफस्टाइल ने हमारी सहूलियतों में इजाफा तो कर दिया है, लेकिन बदले में बीमारियां भी दे दी हैं।

अगर आपने पुराने जमाने के घरों की रसोईयां देखी होंगी तो आपने एक चीज पर गौर किया होगा कि हमारी नानी-दादी के समय में रसोई में जमीन पर बैठकर खाना पकाया जाता था। आजकल शहरों में तो मॉड्यूलर किचन के कॉन्‍सेप्‍ट ने नीचे बैठकर खाना बनाने का तरीका खत्‍म ही कर दिया हैं। गांव में आज भी कई जगह महिलाएं बैठकर खाना बनाती हैं, आयुर्वेद में भी बताया गया है कि नीचे बैठकर खाना पकाने से महिलाएं कई रोगों से दूर रहती थी। मॉडर्न लाइफस्टाइल ने हमारी सहूलियतों में इजाफा तो कर दिया है, लेकिन बदले में बीमारियां भी दे दी हैं। मॉड्यूलर किचन की बनावट की वजह से आज महिलाओं की शरीर की बनावट बिगड़ती जा रही हैं।
 

बैठकर खाना बनाने के फायदे

PunjabKesari
पारंपरिक रसोई में महिलाएं चौक पर बैठकर खाना बनाती थीं, जिसमें अधिकतर समय उनका एक पैर क्रॉस पोजीशन में जमीन को टच करता था और दूसरा पैर वो मोड़कर अपने पेट से चिपका लेती थीं। इस पोजीशन में बैठकर खाना बनाने महिलाओं के पेट, पीठ और हिप की मसल्स पर प्रेशर पड़ता था और इससे स्‍ट्रेचिंग होती थी। महिलाओं का ज्‍यादात्तर समय सुबह के नाश्‍ते से लेकर रात का खाना बनाने तक का समय रसोई में ही न‍िकलता था। जिस वजह से वो इसी पोजीशन में रहती थीं और इस वजह से उनके पेट की स्‍ट्रेचिंग होती थी और नतीजन पेट नहीं बढ़ता था, और उन्हें लोअर बैक की तकलीफ भी नहीं होती थी। इसके अलावा वो बैठकर ही बर्तन, कपड़े, झाडू-पोंछा का काम करती थीं, जिससे उनकी अच्छी-खासी एक्सरसाइज हो जाती थी और इस वजह से शरीर में फैट ज्‍यादा नहीं बनता था।

मॉडर्न किचन के साइड इफेक्‍ट

PunjabKesari

आज कल के किचन की ऊंचाई ज्यादा होती है। लोग ज्‍यादात्तर खड़े होकर ही खाना बनाती हैं। नतीजन शोल्डर पेन, बैक पेन की समस्या होने लगती है। इसके साथ ही खड़े होकर काम करने के कारण उनका शरीर का वजन लोअर बैक और एंकल पर पड़ता है। इस वजह से पांव और एड़ियों के दर्द की शिकायत भी रहती है। किचन में बहुत देर तक खड़े रहकर काम करने से कई महिलाओं के बैक में कर्व बढ़ जाता है। यही कारण है की उनकी शरीर के शेप बिगड़ जाता है। उन्हें बैक पेन की तकलीफ होने लगती हैं।

फॉरवर्ड बेन्डिंग पर ध्‍यान दें

PunjabKesari
मॉड्यूलर किचन की वजह से हमारी डेली एक्टिविटी में काफी चैंज आए हैं। हम अपना अधिकतर काम खड़े होकर करते हैं और झुककर कोई काम नहीं करते हैं। शरीर में फॉरवर्ड बेन्डिंग मूवमेंट नहीं होने की वजह से पेट पर प्रेशर नहीं पड़ता और पेट बढ़ने लगता है। इसलिए डेली रुटीन में हमें पद्मासन, पवनमुक्‍तासन और बटरफ्लाई जैसे योग करने चाहिए। ये योगासन आपके फॉरवर्ड बेन्डिंग मूवमेंट को बढ़ाते हैं और इससे शरीर की बनावट नहीं बिगड़ती हैं।






 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!