Edited By Parveen Kumar,Updated: 26 Mar, 2025 08:56 PM

कोटक प्राइवेट बैंकिंग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर पांच में से एक अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (Ultra-HNI) विदेश जाने की योजना बना रहा है या प्रक्रिया में है। हालांकि, ये लोग अपनी भारतीय नागरिकता बरकरार रखते हुए विदेश में स्थायी रूप से बसना...
नेशनल डेस्क : कोटक प्राइवेट बैंकिंग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर पांच में से एक अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (Ultra-HNI) विदेश जाने की योजना बना रहा है या प्रक्रिया में है। हालांकि, ये लोग अपनी भारतीय नागरिकता बरकरार रखते हुए विदेश में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि 36-40 साल और 61 साल से अधिक उम्र के Ultra-HNI प्रवास की अधिक प्रवृत्ति रखते हैं। बेहतर जीवन स्तर, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा और व्यवसाय के अनुकूल माहौल उनकी प्राथमिक वजहें हैं।
इसके अलावा, अनुकूल कानूनी नीतियां और वैश्विक निवेश के अवसर भी उन्हें विदेश आकर्षित करते हैं। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि 2028 तक भारत में Ultra-HNI की संख्या 2.8 लाख से बढ़कर 4.3 लाख हो जाएगी, और उनकी कुल संपत्ति 232 लाख करोड़ से 359 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
Ultra-HNI के निवेश में 32% इक्विटी, 29% रियल एस्टेट, 21% डेट और 18% वैकल्पिक परिसंपत्तियां शामिल हैं, जबकि 45% निवेश वाणिज्यिक अचल संपत्ति में है।