Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Mar, 2025 03:18 PM
भारत के सबसे अमीर लोग अब विदेश में बसने की योजना बना रहे हैं, लेकिन वे अपनी भारतीय नागरिकता बनाए रखना चाहते हैं। यह ट्रेंड दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, खासकर उन लोगों में जो बेहतर जीवन, शिक्षा, और बिजनेस के मौके तलाशने के लिए विदेश जा रहे हैं। हालांकि, वे...
नेशनल डेस्क: भारत के सबसे अमीर लोग अब विदेश में बसने की योजना बना रहे हैं, लेकिन वे अपनी भारतीय नागरिकता बनाए रखना चाहते हैं। यह ट्रेंड दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, खासकर उन लोगों में जो बेहतर जीवन, शिक्षा, और बिजनेस के मौके तलाशने के लिए विदेश जा रहे हैं। हालांकि, वे भारत से पूरी तरह से अलग नहीं होना चाहते। आने वाले समय में यह ट्रेंड और भी बढ़ने की संभावना है, क्योंकि भारत में अल्ट्रा रिच (बहुत अमीर) लोगों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है।
सर्वे के आंकड़े
कोटक प्राइवेट बैंकिंग और ईवाई द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, 150 अमीर भारतीयों ने खुलासा किया कि वे अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और UAE जैसे देशों में बसने का विचार कर रहे हैं। सर्वे में शामिल 22% अमीर भारतीय यह कहते हैं कि वे या तो विदेश जाने की प्रक्रिया में हैं या फिर विदेश में बसने की योजना बना रहे हैं।
अल्ट्रा रिच इंडिविजुअल्स का विदेश जाने का कारण
भारत में हर पांच में से एक अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (Ultra HNI) विदेश जाने का सोच रहे हैं। इन लोगों में 36 से 40 साल और 61 साल से अधिक उम्र के अमीरों की संख्या अधिक है। इसके अलावा, प्रोफेशनल कैटेगरी के लोग, बिजनेसमैन और जो लोग पैतृक संपत्ति से जुड़े हैं, वे विदेश बसने के इच्छुक हैं।
क्यों जा रहे हैं अमीर भारतीय विदेश?
अमीर भारतीय विदेश जाने के लिए कई कारणों से प्रेरित हैं, जिनमें प्रमुख हैं:-
- बेहतर जीवन स्तर: विदेश में बेहतर जीवन शैली और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- स्वास्थ्य सेवाएं: उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं।
- शिक्षा: विश्वस्तरीय शिक्षा और संस्थान।
- टैक्स नीति: अनुकूल टैक्स नीति और व्यवसाय के लिए बेहतर माहौल।
- व्यवसाय विस्तार और निवेश: व्यापार के अवसर और आसान निवेश विकल्प।
UAE का गोल्डन वीजा प्रोग्राम
UAE का गोल्डन वीजा प्रोग्राम अमीर भारतीयों को आकर्षित कर रहा है, क्योंकि यह उन्हें लंबी अवधि के लिए देश में रहने की अनुमति देता है। इसके चलते, UAE में बसे भारतीयों की संख्या बढ़ सकती है।
भारत में अल्ट्रा रिच भारतीयों की संख्या
2023 में भारत में अल्ट्रा HNI की संख्या लगभग 2.8 लाख थी, जो 2028 तक बढ़कर 4.3 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इनकी कुल संपत्ति 232 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 359 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है।
भारत से धन का बाहर जाना
कोटक महिंद्रा बैंक की चेयरपर्सन गौतमी गावनकर ने कहा कि विदेश में बसने का मतलब यह नहीं है कि भारत से पैसा बाहर चला जाएगा। भारतीय नागरिक हर साल केवल 2,50,000 अमेरिकी डॉलर ही विदेश भेज सकते हैं, जबकि एक NRI को 10 लाख अमेरिकी डॉलर भेजने की अनुमति होती है। इसका मतलब है कि अगर कोई भारतीय विदेश जाता भी है, तो भी उसकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा भारत में ही रहेगा।