Edited By Mahima,Updated: 11 Feb, 2025 10:44 AM
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद, पार्टी के सामने अपने चुनावी वादों को पूरा करने की बड़ी चुनौती है। वित्तीय संकट और बजट की सीमाओं के बावजूद भाजपा को केंद्र सरकार की मदद से अपने वादों को पूरा करने का अवसर मिल सकता है। पार्टी ने...
नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, लेकिन अब पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने चुनावी वादों को पूरा करना है। भाजपा ने दिल्लीवासियों से कई वादे किए थे, जिनमें यमुना की सफाई, कूड़े के पहाड़ों की समस्या, साफ-सफाई, सड़कें, पानी की व्यवस्था और अन्य कई कल्याणकारी योजनाएं शामिल थीं। इन वादों के साथ-साथ भाजपा ने मुफ्त उपहार देने की भी घोषणा की थी, जो आम आदमी पार्टी (AAP) की तरह से फ्रीबीज के तौर पर प्रस्तुत किए गए थे। अब जब दिल्ली की जनता ने भाजपा पर विश्वास जताया है और उसे 27 साल बाद सत्ता सौंपी है, तो पार्टी को इन वादों को पूरा करने के लिए बड़ी योजनाओं और धन की आवश्यकता होगी।
1. दिल्ली की वित्तीय स्थिति और बजट
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 के लिए राज्य का कुल बजट 76,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वहीं, दिल्ली की टैक्स रेवेन्यू (कर से होने वाली आय) लगभग 58,750 करोड़ रुपये है। राज्य सरकार का एक बड़ा हिस्सा वेतन, पेंशन और प्रशासनिक खर्चों में चला जाता है, जिससे वित्तीय संसाधनों की कमी पैदा हो सकती है। साथ ही, दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने यह चिंता जताई है कि बजट का दो-तिहाई हिस्सा पहले से ही प्रशासनिक कार्यों और कर्मचारियों की पेंशन पर खर्च हो जाता है, जिससे घाटे का जोखिम बना रहता है। इसके अलावा, 2024-25 के अंत तक टैक्स और अन्य स्रोतों से दिल्ली सरकार को मिलने वाला राजस्व 64,142 करोड़ रुपये से घटकर 62,415 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। ऐसे में भाजपा के लिए अपने वादों को पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इन योजनाओं को लागू करने के लिए भारी वित्तीय सहायता की आवश्यकता होगी।
2. भारी चुनावी वादे, कम बजट
भाजपा ने दिल्लीवासियों से कई महत्वपूर्ण वादे किए थे। इनमें महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता, वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन, गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये की आर्थिक सहायता, मुफ्त शिक्षा, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 20,000 लीटर तक मुफ्त पानी, महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा, और अन्य कल्याणकारी योजनाएं शामिल थीं। इन वादों के हिसाब से भाजपा को प्रत्येक योजना के लिए भारी बजट की आवश्यकता होगी, जो कि दिल्ली के मौजूदा वित्तीय संकट में मुश्किल लग सकता है। वहीं, यमुना की सफाई और कूड़े के पहाड़ों के मुद्दे पर भाजपा ने पहले ही ऐलान किया था कि वह 3 वर्षों के भीतर इन समस्याओं का समाधान करेगी। लेकिन इन कार्यों को लागू करने के लिए लाखों करोड़ रुपये की आवश्यकता हो सकती है, जो वर्तमान बजट से बाहर है। यमुना की सफाई पर पिछले कुछ वर्षों में लगभग 8,000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, और फिर भी यह नदी दिल्ली में नाला बनी हुई है।
3. यमुना की सफाई और कूड़े के पहाड़ों का समाधान
यमुना सफाई और कूड़े के पहाड़ों की समस्या दिल्ली के प्रमुख मुद्दों में से एक रही है। भाजपा ने चुनावी वादे में कहा था कि वह 3 वर्षों में यमुना को साफ करेगी और एक रिवरफ्रंट का निर्माण करेगी। लेकिन यमुना की सफाई पर पहले ही लगभग 8,000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, और फिर भी नदी की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। इसके अलावा, कूड़े के पहाड़ों को कम करने के लिए भाजपा को लंबी अवधि तक कड़ी मेहनत करनी होगी और इस पर भारी खर्च करना होगा। इसके साथ ही दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करने के लिए लगभग 10,200 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। अगर इन कार्यों को पूरा करना है तो राज्य सरकार को केंद्र से वित्तीय सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता मिलने की संभावना है, क्योंकि भाजपा की केंद्र में सरकार है और वह दिल्ली के विकास कार्यों के लिए मदद देने को तैयार है।
4. आवश्यक वित्तीय सहायता और केंद्र का समर्थन
दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि केंद्र सरकार दिल्ली को आर्थिक सहायता देने के लिए तैयार है, जैसा कि पहले आयुष्मान भारत योजना जैसे कार्यक्रमों के लिए किया गया था। अब जब दिल्ली में भाजपा की सरकार बन चुकी है, तो पार्टी को उम्मीद है कि केंद्र सरकार वादों को पूरा करने के लिए वित्तीय मदद प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अपनी योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था करेगी और प्रशासन में सुधार करके भ्रष्टाचार को खत्म करेगी। भजपा के इस वादे को पूरा करने के लिए केंद्र से सहायता लेना अनिवार्य हो सकता है, क्योंकि दिल्ली के सीमित बजट में इन सभी योजनाओं का क्रियान्वयन करना संभव नहीं होगा। साथ ही, भाजपा को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए उचित रोडमैप तैयार करना होगा।
5. दिल्ली का बजट और योजनाओं का रोडमैप
भाजपा सरकार को अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट तैयार करने में कम से कम एक महीने का समय लगेगा। यह बजट मार्च के अंत तक पेश किया जा सकता है, जिसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि भाजपा अपने चुनावी वादों को कैसे पूरा करने की योजना बना रही है। इस बजट के जरिए पार्टी को स्पष्ट करना होगा कि वित्तीय संकट और संसाधनों की कमी के बावजूद वे कैसे इन वादों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
भाजपा के 10 बड़े वादे
1. यमुना सफाई और रिवरफ्रंट निर्माण - 3 वर्षों में।
2. कूड़े के पहाड़ों को कम करना - 3 वर्षों में।
3. एलपीजी सिलिंडर पर सब्सिडी - गरीब महिलाओं को 500 रुपये में।
4. महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह की आर्थिक मदद।
5. गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये और 6 पोषण किट।
6. आयुष्मान भारत योजना लागू करना - 10 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज।
7. वरिष्ठ नागरिकों के लिए रुकी पेंशन।
8. 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 20,000 लीटर मुफ्त पानी।
9. 13000 नई इलेक्ट्रिक बसें - दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए।
10. ऑटो-टैक्सी ड्राइवर और गिग वर्कर्स के लिए बीमा - 10 लाख रुपये तक का लाइफ इंश्योरेंस।