विश्वकर्मा योजना के तहत 1 साल में 11 लाख कारीगरों को किया गया कौशल प्रदान

Edited By Rahul Rana,Updated: 12 Nov, 2024 03:07 PM

11 lakh artisans upskilled under vishwakarma scheme in 1 year

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख योजना "पीएम विश्वकर्मा" के तहत, पिछले साल सितंबर में इसके शुभारंभ के बाद से अबतक 10.8 लाख से अधिक पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को कौशल प्रदान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित होने वालों में महिलाएं...

नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख योजना "पीएम विश्वकर्मा" के तहत, पिछले साल सितंबर में इसके शुभारंभ के बाद से अबतक 10.8 लाख से अधिक पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को कौशल प्रदान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित होने वालों में महिलाएं और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हैं।

मुख्य ट्रेड

इस योजना के तहत, सिलाई, चिनाई, बढ़ईगीरी, नाई और मालाकार जैसे पारंपरिक शिल्प में सबसे अधिक कारीगरों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से कई कारीगरों ने बांस कला, मूर्तिकला, और नाव और मछली जाल बनाने जैसे पारंपरिक शिल्प में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

महिलाओं की भूमिका

इस योजना में लगभग 40% महिलाएं शामिल हैं। महिलाओं को पारंपरिक शिल्प से संबंधित व्यवसायों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे अपने हुनर को एक स्थिर और सफल आजीविका में बदल सकें।

ऋण सुविधा और सहायता

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को कौशल विकास के साथ-साथ ऋण सुविधा प्रदान करना है, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें। बता दें कि अबतक इस योजना के तहत 551.8 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 132.4 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है।

समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस योजना से 5.8 लाख से अधिक OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) और 1.9 लाख से अधिक SC (अनुसूचित जाति) के लोग लाभान्वित हुए हैं।

कर्नाटक और अन्य राज्य

इस योजना के तहत सबसे अधिक कारीगरों को कर्नाटक में प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है, जहां 1.1 लाख से अधिक कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद जम्मू और कश्मीर (82,514 कारीगर) और गुजरात (82,542 कारीगर) का स्थान है।

कौशल से अधिक आजीविका का अवसर

वहीं कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि "पीएम विश्वकर्मा योजना केवल कौशल प्रदान करने की योजना नहीं है। यह योजना महिलाओं और कारीगरों को अपने पारंपरिक शिल्प को एक स्थिर और समृद्ध आजीविका में बदलने का अवसर देती है।" अंत में बता दें कि इस योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को न केवल कौशल प्रदान किया जा रहा है, बल्कि उन्हें एक मजबूत और स्थिर आजीविका के लिए आवश्यक आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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