Edited By Yakeen Kumar,Updated: 11 Nov, 2024 10:13 PM
मणिपुर में जिरिबाम जिले बोरोबेकरा में सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फौजी वर्दी में आये इन उग्रवादियों ने बोरोबेकरा थाने और नजदीक के सीआरपीफ शिविर पर अंधाधुध...
नई दिल्लीः मणिपुर में जिरिबाम जिले बोरोबेकरा में सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फौजी वर्दी में आये इन उग्रवादियों ने बोरोबेकरा थाने और नजदीक के सीआरपीफ शिविर पर अंधाधुध गोलियां दागनी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ छिड़ गयी। उनके पास अत्याधुनिक हथियार थे। उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवान भी घायल हो गए जिनमें से एक की हालत गंभीर है। इन संदिग्ध उग्रवादियों की मौत के बाद कुकी-जो काउंसिल ने राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में मंगलवार को सुबह पांच से शाम छह बजे तक बंद का आह्वान किया है।
अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादियों ने बोरोबेकरा थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित जकुराडोर करोंग बाजार एवं उसके आसपास भी कुछ मकानों पर हमला करने के अलावा कई दुकानों में आग लगा दी । अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की तथा फिर दोनों पक्षों में मुठभेड़ छिड़ गयी जिसमें 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गये। मणिपुर पुलिस ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘ आज, 11 नवंबर, 2024 को दोपहर करीब तीन बजे, जिरिबाम जिले के जाकुरधोर स्थित सीआरपीएफ चौकी और बोरोबेकरा थाने (पास में स्थित) पर हथियारबंद उग्रवादियों ने हमला कर दिया। सुरक्षा बलों ने जोरदार जवाबी कार्रवाई की। हमले के कारण, संजीव कुमार नामक एक सीआरपीएफ कांस्टेबल को गोली लगी और उन्हें असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया और उनका इलाज चल रहा है।''
मणिपुर पुलिस ने कहा कि सीआरपीएफ और पुलिस ने करारा जवाब दिया तथा करीब पौने घंटे तक मुठभेड़ चलने के बाद स्थिति नियंत्रण में आयी। उसने कहा, ‘‘ मुठभेड़ बंद होने के बाद इलाके की तलाशी ली गई और हथियारबंद उग्रवादियों के 10 (दस) शव बरामद किए गए। साथ ही हथियार और गोला-बारूद (3 एके, 4 एसएलआर, 2 इंसास, 01 आरपीजी, 01 पंप एक्शन गन, बीपी हेलमेट और मैगजीन) बरामद किए गए। तदनुसार, एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है।'' मणिपुर पुलिस ने कहा कि उग्रवादियों का सफाया करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है तथा असम राइफल्स, सीआरपीएफ और सिविल पुलिस की और टीम भेजी जा रही हैं।
कुकी-जो काउंसिल ने एक बयान में कहा, ‘‘ आज जिरीबाम में हमने सीआरपीएफ कर्मियों के हाथों 11 कुकी-जो ग्राम स्वयंसेवकों को खो दिया। इसी दुखद घटना के मद्देनजर कुकी-जो परिषद ने इन मृत स्वयंसवकों के सम्मान में कल सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक पूर्ण बंद की घोषणा की है, ताकि अपना सामूहिक दुख और एकजुटता व्यक्त की जा सके।'' उसने इस घटना की निंदा की और तत्काल एवं सघन जांच की मांग की।
अधिकारियों ने बताया कि थाना परिसर में एक राहत शिविर भी है जहां से पांच लोग लापता हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि इन नागरिकों को वहां से भाग रहे उग्रवादियों ने अगवा कर लिया या फिर वे हमला शुरू होने के बाद छिप गये। उन्होंने कहा कि इन लोगों की तलाश की जा रही है। एक अधिसूचना के अनुसार इस घटना के बाद इलाके में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है। अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘ कुछ असामाजिक तत्वों की गैरकानूनी गतिविधियों के कारण क्षेत्र में शांति बड़े पैमाने पर भंग होने या किसी भी तरह का दंगा होने और मानव जीवन और संपत्तियों को गंभीर खतरा पहुंचने की आशंका है।''
इस अधिसूचना के तहत पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एक जगह इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गयी है। बोरोबेकरा उप-मंडल में जून से हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं। यह जिले के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। पिछले वर्ष मई से इम्फाल घाटी में रहने वाले स्थित मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों पर रहने वाले कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इंफाल घाटी और आसपास की पहाड़ियों में संघर्षों से काफी हद तक अछूता रहा जिरिबाम में इस वर्ष जून में एक खेत में एक किसान का क्षत-विक्षत शव पाए जाने के बाद हिंसा नजर आई है। जिरिबाम में विविध समुदाय रहते हैं।