mahakumb

एमपी में एक साथ दिखे 12 शव…, नजारा देख कांप जाएगी रुह

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 14 Feb, 2025 05:37 PM

12 dead bodies were seen together in shava satyagraha

मध्य प्रदेश के पीथमपुर में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी को चौंका दिया। बस स्टैंड पर एक साथ 12 शव पड़े थे, जिन्हें देखकर हर कोई सहम गया। ये शव सफेद चादरों में लिपटे हुए थे, और लोग यह सोचकर हैरान थे कि क्या सच में कोई हादसा हुआ है। लेकिन...

नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के पीथमपुर में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी को चौंका दिया। बस स्टैंड पर एक साथ 12 शव पड़े थे, जिन्हें देखकर हर कोई सहम गया। ये शव सफेद चादरों में लिपटे हुए थे, और लोग यह सोचकर हैरान थे कि क्या सच में कोई हादसा हुआ है। लेकिन जैसे ही नजदीक जाकर देखा गया, तो ये शव दरअसल जिंदा लोग थे जो अपनी सांसें थामकर शव बनकर लेटे थे। यह दृश्य शव सत्याग्रह का था, जो एक अनूठा विरोध प्रदर्शन था। पीथमपुर में यह शव सत्याग्रह योगाभ्यास के तहत किया गया था। 12 लोग, जिन्हें कुशल योग गुरु प्रदीप दुबे के मार्गदर्शन में शारीरिक अभ्यास कराया गया, 12 मिनट तक अपनी सांसें थामे हुए शव बनकर लेटे रहे। शव सत्याग्रह का यह प्रदर्शन भोपाल की यूनियन कार्बाइड कंपनी द्वारा पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाने के विरोध में किया गया था। यह प्रदर्शनों का तरीका था, जिसमें जीवित लोग अपने शरीर को स्थिर कर और अपनी सांसें रोककर, शव की तरह लेटे रहते हैं।

पीथमपुर में विरोध क्यों?

पीथमपुर के लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे क्योंकि यहां पर भोपाल गैस कांड से जुड़े यूनियन कार्बाइड कंपनी के जहरीले कचरे को जलाने का निर्णय लिया गया था। इस कचरे को 12 कंटेनर में भरकर पीथमपुर भेजा गया था, जिसे जलाया जाना था। इस कचरे को जलाने से उत्पन्न होने वाले जहरीले गैसों के कारण स्थानीय लोगों को चिंता थी कि इसका प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर हो सकता है। इसलिए, उन्होंने इस कचरे को जलाने के विरोध में शव सत्याग्रह का सहारा लिया।

12 बजे, 12 मिनट, 12 लोग

यह शव सत्याग्रह 12 बजकर 12 मिनट पर शुरू हुआ, और प्रदर्शन में शामिल लोग 12 मिनट तक शव की मुद्रा में लेटे रहे। इस दौरान उनके शरीर को कवर करने के लिए सफेद चादर का इस्तेमाल किया गया था, जिससे यह दृश्य और भी प्रभावी बन गया। यह नजारा दर्शाता था कि लोग अपनी जीवनशक्ति की आहुति देकर अपने अधिकारों और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए खड़े हैं।

प्रदर्शन में शामिल लोग

धारा 163 निषेधाज्ञा के तहत इस प्रदर्शन में बहुत कम लोग शामिल हो सके, लेकिन फिर भी जो लोग वहां थे, उन्होंने अपने इस विरोध के तरीके से सभी का ध्यान आकर्षित किया। प्रदीप दुबे, जो इस प्रदर्शन के योगाचार्य थे, ने इस तरह के प्रदर्शन के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि यह विरोध का एक शांतिपूर्ण और प्रभावी तरीका था, जिससे लोग सरकार और संबंधित अधिकारियों के ध्यान में अपनी चिंताओं को ला सकें।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!