मोतियाबिंद के ऑपरेशन के 13 लोगों को दिखना बंद, सभी को रायपुर किया गया शिफ्ट, डॉक्टर समेत तीन सस्पेंड

Edited By Pardeep,Updated: 29 Oct, 2024 06:01 AM

13 people lost their sight after cataract surgery

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के एक सरकारी अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आंखों में संक्रमण होने के कारण 13 लोगों को राजधानी रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

नेशनल डेस्कः छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के एक सरकारी अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आंखों में संक्रमण होने के कारण 13 लोगों को राजधानी रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मामले में दंतेवाड़ा जिला अस्पताल के तीन स्वास्थ्य कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, जिसमें सर्जरी करने वाले डॉक्टर भी शामिल हैं। रायपुर स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर मेमोरियल अस्पताल की जनसंपर्क अधिकारी शुभ्रा ठाकुर ने बताया कि दंतेवाड़ा के 13 मरीज पिछले पांच-छह दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है। 

ठाकुर के मुताबिक, मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है। दंतेवाड़ा के जिलाधिकारी मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि जिन 13 लोगों की आंख में संक्रमण हुआ है, उन सभी की 18 से 22 अक्टूबर के बीच दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी। उन्होंने कहा कि जब एक-दो मामले सामने आए, तो हमने पिछले 15-20 दिनों में अस्पताल में सर्जरी कराने वाले मरीजों का पता लगाने का निर्देश दिया, जिससे उनकी आंख की स्थिति की जांच की जा सके। चतुर्वेदी के अनुसार, इस दौरान 80 मरीजों की जांच की गई, जिनमें कुल 13 मरीजों की आंख में संक्रमण पाया गया। उन्होंने बताया कि इन सभी मरीजों को इलाज के लिए रायपुर स्थानांतरित कर दिया गया है। 

चतुर्वेदी के मुताबिक, 18 अक्टूबर को सर्जरी कराने वाले एक मरीज में संक्रमण होने की जानकारी सामने आने के बाद भी संबंधित डॉक्टर 22 अक्टूबर तक सर्जरी करते रहे और कथित तौर पर संक्रमण के मामले के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया। उन्होंने बताया कि दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में चार ऑपरेशन थियेटर हैं और हर हफ्ते 20 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने का लक्ष्य है। 

चतुर्वेदी ने कहा, “अब तक हमने 10 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच ऑपरेशन कराने वाले मरीजों की जांच की है। जांच दल ने पाया कि मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए मानक प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं किया गया था और सर्जरी से पहले ऑपरेशन थियेटर को ठीक से साफ नहीं किया गया था।” राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने संवाददाताओं को बताया कि प्रथम दृष्टया नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम, नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ति टोप्पो और अस्पताल की स्टाफ नर्स ममता वैदे की ओर से लापरवाही पाई गई और तीनों को रविवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जायसवाल ने बताया कि दंतेवाड़ा जिला अस्पताल के अधीक्षक को इस संबंध में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की। 

उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''फिर भाजपा की सरकार आई, फिर अंखफोड़वा कांड शुरू हो गया। पिछली बार भी भाजपा सरकार में ऐसा ही हुआ था। हमारी सरकार में तो ऐसा एक बार भी नहीं हुआ। “विष्णु का सुशासन” नाकारा और नाकाम साबित हो चुका है।” कांग्रेस ने इस घटना की जांच के लिए बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय दल का गठन किया है। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान भी सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद लोगों की आंखों में संक्रमण के मामले सामने आए थे।

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