Edited By Parminder Kaur,Updated: 12 Dec, 2024 09:40 AM
13 साल की काशवी जैन ने स्मार्ट रेस्ट्रो टेक बाइट नाम का एक प्रोटोटाइप तैयार किया है, जिससे उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। काशवी आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। इस प्रोटोटाइप में कई आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जैसे...
नेशनल डेस्क. 13 साल की काशवी जैन ने स्मार्ट रेस्ट्रो टेक बाइट नाम का एक प्रोटोटाइप तैयार किया है, जिससे उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। काशवी आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। इस प्रोटोटाइप में कई आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जैसे अल्ट्रासोनिक सेंसर और इंफ्रारेड टेक्नोलॉजी। इसमें दो वर्किंग रोबोट्स एक सर्वर रोबोट और एक मैन्यू रोबोट हैं।
सर्वर रोबोट किचन से खाना लेकर ग्राहकों तक पहुंचाने का काम करता है, जबकि मैन्यू रोबोट एक लाइन फॉलोइंग रोबोट है, जो इंफ्रारेड टेक्नोलॉजी का उपयोग करके काम करता है। इस मैन्यू रोबोट में क्यूआर कोड स्कैन करने का भी ऑप्शन है, जिससे ग्राहकों को मैन्यू देखने में आसानी होती है।
इस प्रोटोटाइप को काशवी ने ईएसपी 32 माइक्रोकंट्रोलर की मदद से बनाया है, जो कम खर्च और कम पावर वाला है। काशवी ने इस मॉडल पर काम शुरू करने के चार महीने बाद इसे पूरा किया। अब वह इसे और भी उन्नत बनाने की योजना बना रही हैं, जैसे स्मार्ट पार्किंग सिस्टम और स्मार्ट किचन जोड़ना। इसके बाद काशवी लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज कराने की योजना बना रही हैं।
काशवी ने बताया कि वह विजरोबो से STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथेमैटिक्स) शिक्षा और रोबोटिक्स की ट्रेनिंग ले रही हैं। अगर कभी कोई समस्या आती है, तो वह ऑनलाइन मदद भी लेती हैं।
रोबोटिक्स में क्रिएटिविटी ला सकती हैं लड़कियां
काशवी का मानना है कि अगर लड़कियां STEM शिक्षा में रुचि लें, तो वह रोबोटिक्स में नई क्रिएटिविटी ला सकती हैं। काशवी ने बताया कि पांच साल की उम्र से ही उनका रोबोटिक्स में दिलचस्पी थी। पांच साल की उम्र में ही उन्होंने एक इंटरनेशनल रोबोटिक्स चैलेंज में भाग लिया था और सबसे कम समय में रोबोट बना कर पहला स्थान हासिल किया था। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई की थी और कुछ समय क्लासेस भी ली थीं।
काशवी इससे पहले स्मार्ट होम और स्मार्ट सिटी जैसे दो मॉडल भी तैयार कर चुकी हैं, हालांकि उन्होंने उन्हें रिकॉर्ड के लिए नहीं भेजा था। काशवी ने सी प्लस प्लस (C++) भाषा पूरी तरह से सीख ली है और अब वह पाइथॉन (Python) भाषा भी सीख रही हैं। रोबोटिक्स के अलावा काशवी क्रिकेट में भी नेशनल टीम का हिस्सा रह चुकी हैं।