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Noida के 14 वर्षीय दक्ष मलिक ने ढूंढा एस्टेरॉयड, NASA देगा ये खास मौका!

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 27 Jan, 2025 09:39 AM

14 year old daksh malik from noida discovered asteroid

नोएडा के रहने वाले 14 वर्षीय के दक्ष मलिक ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा कारनामा कर दिखाया है। दक्ष ने एक एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) की खोज की है जिसे अभी "2023 OG40" नाम दिया गया है। यह एस्टेरॉयड मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में...

नेशनल डेस्क। नोएडा के रहने वाले 14 वर्षीय के दक्ष मलिक ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा कारनामा कर दिखाया है। दक्ष ने एक एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) की खोज की है जिसे अभी "2023 OG40" नाम दिया गया है। यह एस्टेरॉयड मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाया गया है। इस खोज के बाद NASA दक्ष को इस एस्टेरॉयड का नाम रखने का खास मौका देने वाला है।

कौन हैं दक्ष मलिक?

दक्ष मलिक नोएडा के शिव नादर स्कूल में कक्षा 9 के छात्र हैं। उन्हें बचपन से ही अंतरिक्ष और ग्रहों में दिलचस्पी रही है। दक्ष अक्सर नेशनल जियोग्राफिक की डॉक्यूमेंट्री देखते थे और सितारों को निहारते थे। दक्ष का कहना है कि उन्हें अंतरिक्ष से बेहद लगाव है लेकिन उनका असली जुनून न्यायपालिका और कानून में है।

IADP: एस्टेरॉयड खोजने का अनोखा प्रोजेक्ट

दक्ष इंटरनेशनल एस्टेरॉयड डिस्कवरी प्रोजेक्ट (IADP) का हिस्सा रहे हैं। यह एक नागरिक विज्ञान कार्यक्रम है जिसमें NASA आम लोगों खासकर छात्रों को एस्टेरॉयड की खोज में शामिल होने का मौका देता है। यह प्रोजेक्ट इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन (IASC) के जरिए चलता है जिसमें लोग NASA के डेटा का उपयोग करके नए खगोलीय पिंडों की खोज करते हैं।

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एस्टेरॉयड खोजने की कहानी

दक्ष और उनके स्कूल के कुछ दोस्तों ने 2022 में IADP के तहत NASA के प्रोजेक्ट में भाग लिया। डेढ़ साल की मेहनत के बाद दक्ष ने एस्टेरॉयड खोज निकाला। इस प्रोजेक्ट में दुनिया भर से लगभग 6000 प्रतिभागी थे लेकिन दक्ष ने अपनी खोज से सबको प्रभावित किया।

NASA देगा खास सम्मान

अब NASA दक्ष की खोज का परीक्षण करेगा। इसके बाद दक्ष को इस एस्टेरॉयड का नाम रखने का मौका मिलेगा। यह दक्ष के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

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दक्ष का सपना और जुनून

हालांकि दक्ष को अंतरिक्ष से गहरा लगाव है लेकिन उनका असली जुनून न्यायपालिका और कानून की दुनिया में है। दक्ष ने अब तक तीन बार IADP में भाग लिया है और हर बार उन्होंने क्षुद्रग्रहों का पता लगाने के लिए प्रयास किया है। दक्ष का कहना है कि वह इस प्रक्रिया को अच्छे से समझना चाहते थे और इसमें सफल हो गए।

क्यों है यह खोज खास?

यह खोज न सिर्फ दक्ष के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। अंतरिक्ष में नई चीजों की खोज करना बेहद जटिल और मेहनतभरा काम है। दक्ष जैसे युवा वैज्ञानिक भविष्य में भारत का नाम और ऊंचा करेंगे।

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