Edited By Mahima,Updated: 11 Oct, 2024 11:50 AM
14 साल की लड़की ने अपनी नवजात बेटी को जन्म देने के बाद रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। बच्ची को बोरे में बंद कर लोगों ने पुलिस की मदद से अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वह दम तोड़ गई। पुलिस ने नर्स और डॉक्टर को गिरफ्तार किया, जिन्होंने डिलीवरी कराई थी। घटना से...
नेशनल डेस्क: आज पूरे देश में मां दुर्गा के बाल स्वरूपों की पूजा का पर्व मनाया जा रहा है, वहीं इस बीच एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। एक 14 साल की लड़की ने अपनी नवजात बेटी को जन्म देने के बाद उसे बोरे में बंद कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। यह घटना उस समय उजागर हुई जब कुछ स्थानीय निवासियों ने रेलवे ट्रैक के किनारे एक बोरी को हिलते हुए देखा और उसमें से बच्ची के रोने की आवाज सुनी।
बच्ची की अस्पताल में मौत
जब लोगों ने बोरी को खोला, तो उन्हें एक 2 दिन की नवजात बच्ची मिली, जिसकी नाल भी नहीं कटी थी। स्थानीय निवासियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, दुःख की बात यह है कि अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय समाज को बल्कि पूरे देश को चौंका दिया है।
40 CCTV कैमरों की मदद से की पहचान
पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की। DCP प्रियंका शुक्ला ने बताया कि पुलिस ने करीब 40 CCTV कैमरों की मदद से उस महिला की पहचान की, जिसने बच्ची को फेंका था। पुलिस ने CCTV फुटेज में एक नर्स को देखा, जो बोरे को रेलवे ट्रैक पर फेंकते हुए नजर आई। इस नर्स की पहचान आसमां के रूप में हुई। नर्स के बयान के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और फिर डॉक्टर के बारे में जानकारी मिली। पुलिस ने उस डॉक्टर को भी पकड़ लिया, जिसने बच्ची को जन्म देने में मदद की थी। गिरफ्तार आरोपियों में बच्ची की मां, डिलीवरी कराने वाला डॉक्टर और नर्स शामिल हैं। तीनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
बच्ची की मां का पता
पुलिस ने इस मामले में बच्ची की मां की पहचान भी की, जो केवल 14 साल की है। DCP प्रियंका ने बताया कि यह लड़की 8वीं कक्षा की छात्रा है और उसका अपने ममेरे भाई के साथ प्रेम संबंध था। घटना से पहले लड़की ने अपने परिवार से इस बारे में बात नहीं की थी। जब उसे पता चला कि वह गर्भवती है, तो उसने डॉक्टर और नर्स की मदद से डिलीवरी कराई और बच्ची को बोरे में बंद करके रेलवे ट्रैक पर फेंकने का निंदनीय कदम उठाया।
इस घटना का मुख्य कारण सामाजिक बदनामी का डर बताया गया है। बच्ची की मां ने सोचा कि प्री-मेच्योर डिलीवरी के कारण बच्ची जिंदा नहीं बचेगी, इसलिए उसने इसे फेंकने का निर्णय लिया। DCP प्रियंका ने कहा कि समाज में नाबालिग गर्भधारण की समस्या एक गंभीर मुद्दा है और इसके पीछे की मानसिकता को समझने की आवश्यकता है।
बच्ची की मां और उसका प्रेमी दोनों नाबालिग
पुलिस ने यह भी जानकारी दी है कि बच्ची की मां और उसका प्रेमी दोनों नाबालिग हैं। इसीलिए उन्हें काउंसिलिंग के बाद आरोपी बनाया जा सकता है। यह घटना न केवल पुलिस के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि हमें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। इस घटना ने नाबालिग गर्भधारण और उसके गंभीर परिणामों के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया है। समाज को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में खुलकर चर्चा करे और नाबालिगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।