150 आतंकवादी LOC पर भारत में घुसपैठ के लिए तैयार, सुरक्षा बलों का अलर्ट

Edited By Yaspal,Updated: 11 Oct, 2024 06:05 PM

150 terrorists ready to infiltrate into india on loc security forces on alert

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि सर्दियों का मौसम नजदीक होने के साथ ही कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने के लिए करीब 150 आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार विभिन्न ‘लांच पैड' पर इंतजार कर रहे हैं

नेशनल डेस्कः सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि सर्दियों का मौसम नजदीक होने के साथ ही कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने के लिए करीब 150 आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार विभिन्न ‘लांच पैड' पर इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा बल ऐसी किसी भी कोशिश को विफल कर देंगे। बीएसएफ के महानिरीक्षक (कश्मीर फ्रंटियर) अशोक यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘घुसपैठ की कोशिश जारी हैं।

विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त खुफिया सूचनाओं के आधार पर हम सीमा पर नियंत्रण की योजना बनाने के लिए सेना के साथ समन्वय करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘लांचिंग पैड' पर आतंकवादियों की संख्या को भी ध्यान में रखते हैं, जिससे हमें अपनी रणनीति बनाने और आतंकियों को काबू करने की योजना को आकार देने में मदद मिलती है ताकि हम किसी भी साजिश को विफल कर सकें।'' उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम कर देंगे।

जब सवाल किया गया कि लांच पैड पर कितने आतंकवादी इंतजार कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘लांचिंग पैड पर आतंकवादियों की संख्या सामान्यतौर पर 130 से 150 के बीच रहती है और कई बार यह थोड़ी ज्यादा हो सकती है।'' जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव कराने के बाद की चुनौतियों पर यादव ने कहा कि सुरक्षा बलों ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने कहा, ‘‘खतरे की कई सूचनाएं थीं, लेकिन अच्छी तरह से समन्वित योजना के साथ, हमने कोई हमला नहीं होने दिया और चुनाव सफल रहे। अब, सर्दियों के करीब होने के साथ, तैयारियां पूरी हो गई हैं। सर्दियों के आने से पहले, आतंकवादी अक्सर घुसपैठ का प्रयास करते हैं, और हम उस हिसाब से क्षेत्र पर अपना नियंत्रण कर रहे हैं।''

पश्चिम एशिया में अस्थिरता के हालात से घाटी में किसी तरह के असर के बारे में पूछे जाने पर बीएसएफ के आईजी ने कहा कि सुरक्षा बलों के पास संकट का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों के बारे में विशिष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन ‘‘हम इन अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों का विश्लेषण करते हैं और उन्हें अपनी अभियान योजनाओं में शामिल करते हैं।''

मादक पदार्थों की तस्करी से आतंकवाद (नार्को टेररिज्म) के बारे में एक सवाल पर यादव ने कहा कि नियंत्रण रेखा के उस पार से नशीले पदार्थ आते हैं और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए ये स्रोत होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा पर कुछ गांव हैं, तंगधार और केरन सेक्टर जैसे कुछ संवेदनशील क्षेत्र हैं, लेकिन हमने नशीले पदार्थों की आमद को रोकने के लिए मोबाइल बंकर और महिला सैनिकों को तैनात किया है क्योंकि ऐसी सूचना थी कि वे कुछ महिलाओं को कूरियर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है और हम इसे काफी हद तक कम करने में सफल रहे हैं।''

बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि बलों का प्रयास रहता है कि जवानों को न केवल हथियारों को संभालने, गोलीबारी, क्षेत्रीय युक्तियों आदि सीमा प्रबंधन के परंपरागत पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जाए बल्कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों में भी प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी की बदलती प्रकृति के साथ, हमने सीमा प्रबंधन में विभिन्न प्रकार के निगरानी उपकरणों को शामिल किया है। ड्रोन के बढ़ते मुद्दे को देखते हुए, हम बेहतर सीमा सुरक्षा के लिए नई तकनीक का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के तरीके पर प्रशिक्षण शामिल कर रहे हैं।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘इसके अलावा हम भारत सरकार के मंच ‘आईजीओटी' का इस्तेमाल कर रहे हैं जो विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देता है जो हम अपने प्रशिक्षुओं को मुहैया कराते हैं।''

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