सड़क निर्माण पर 1896 करोड़ खर्च, टोल से वसूले 8349 करोड़... RTI के खुलासा के बाद सोशल मीडिया पर भारी गुस्सा

Edited By Mahima,Updated: 14 Sep, 2024 04:13 PM

1896 crores spent on road construction 8349 crores collected from toll

हाल ही में एक RTI (सूचना के अधिकार) के तहत प्राप्त जानकारी ने सड़क निर्माण और टोल वसूली के संबंध में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस खुलासे में पता चला है कि एक प्रमुख नेशनल हाईवे के निर्माण पर 1896 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि उस पर बनाए गए टोल...

नेशनल डेस्क: हाल ही में एक RTI (सूचना के अधिकार) के तहत प्राप्त जानकारी ने सड़क निर्माण और टोल वसूली के संबंध में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस खुलासे में पता चला है कि एक प्रमुख नेशनल हाईवे के निर्माण पर 1896 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि उस पर बनाए गए टोल प्लाजा से अब तक 8349 करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है। इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा और गुस्से की लहर चल रही है। 

RTI के जवाब में बताया कि
जब इस मुद्दे की सच्चाई जानने के लिए RTI के माध्यम से जानकारी मांगी। RTI के जवाब में बताया गया कि NH-8 पर मनोहरपुर टोल प्लाजा पर 3 अप्रैल 2009 से टोल वसूला जा रहा है। इसके अलावा, यह भी पूछा कि सड़क निर्माण पर कुल कितनी लागत आई और उसमें सरकारी हिस्सा कितना था। RTI के जवाब में बताया गया कि इस हाईवे के निर्माण पर कुल 1896 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

टोल वसूली का आंकड़ा
RTI के जवाब में यह भी बताया गया कि इस सड़क पर अब तक 8349 करोड़ रुपए का टोल टैक्स वसूला जा चुका है। यह राशि इतनी बड़ी है कि इसके बराबर में गुरुग्राम से जयपुर तक चार हाईवे बनाए जा सकते हैं। इसके बावजूद, टोल प्लाजा अभी भी संचालित हो रहा है, जो सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा और असंतोष का कारण बन गया है।

सोशल मीडिया पर गुस्सा 
इस खुलासे के बाद, सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। यूजर्स ने कई सवाल उठाए हैं, जैसे:
- रोड टैक्स: जब गाड़ी के पंजीकरण के समय रोड टैक्स का भुगतान किया जाता है, तो फिर हर 50 किलोमीटर पर टोल टैक्स क्यों लिया जाता है?
- पारदर्शिता: अगर इस तरह के आंकड़े अन्य बड़े हाईवे पर भी जांचे जाएं, तो क्या इसी तरह के चौगुने प्रॉफिट के आंकड़े सामने आएंगे?
लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या टोल प्लाजा के जरिए वसूली की गई राशि के संबंध में पर्याप्त पारदर्शिता है, और क्या टोल प्लाजा को बंद करने की आवश्यकता नहीं है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट और टिप्पणियों में यह सुझाव दिया गया कि सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और टोल वसूली की नीतियों में सुधार करना चाहिए।

सरकार की संभावित प्रतिक्रिया 
इस विवाद पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के खुलासे के बाद सरकार को पारदर्शिता की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया पर उठे सवाल और सार्वजनिक प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि सड़क निर्माण और टोल वसूली की नीतियों में सुधार की आवश्यकता हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को इस मुद्दे पर एक विस्तृत समीक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जनता को टोल वसूली के संबंध में पूरी जानकारी और पारदर्शिता मिले। इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि टोल प्लाजा के संचालन और उनकी आवश्यकताओं का पुनरावलोकन किया जाए, ताकि लोगों के द्वारा उठाए गए सवालों का समाधान हो सके।

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