Edited By Tanuja,Updated: 16 Nov, 2024 06:49 PM
ब्रिटेन में उच्च शिक्षा क्षेत्र में भारतीय छात्रों के आवेदन में 20.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे विश्वविद्यालयों के वित्तीय संकट में और वृद्धि हो सकती है।...
लंदन: ब्रिटेन में उच्च शिक्षा क्षेत्र में भारतीय छात्रों के आवेदन में 20.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे विश्वविद्यालयों के वित्तीय संकट में और वृद्धि हो सकती है। एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है, जो उस समय जारी की गई है जब ब्रिटेन के विश्वविद्यालय पहले ही अपने सीमित बजट के कारण दबाव में हैं।‘ऑफिस फॉर स्टूडेंट्स' द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय छात्रों की संख्या 1,39,914 से घटकर 1,11,329 हो गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ब्रिटेन में छात्र वीजा आवेदनों में गिरावट आई है, खासकर उन देशों से जहां से बड़े पैमाने पर छात्र ब्रिटेन में अध्ययन के लिए आते हैं।
इस गिरावट का मुख्य कारण भारतीय और नाइजीरियाई छात्रों द्वारा किए गए छात्र वीजा आवेदनों में गिरावट है। भारतीय छात्रों को जारी किए गए CAS (Confirmation of Acceptance for Studies) की संख्या में 20.4 प्रतिशत (28,585) की गिरावट आई है, जबकि नाइजीरियाई छात्रों के मामले में यह आंकड़ा 44.6 प्रतिशत (25,897) रहा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए जारी किए गए प्रायोजक स्वीकृति (CAS) में 11.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट का सीधा असर उन विश्वविद्यालयों पर पड़ेगा जो भारत, नाइजीरिया और बांग्लादेश जैसे देशों के छात्रों पर निर्भर हैं। ये देश ब्रिटेन में अध्ययन करने वाले सबसे बड़े छात्र समुदायों में शामिल हैं।
ब्रिटेन में भारतीय छात्र समूहों का कहना है कि इस गिरावट के कई कारण हैं, जिनमें सीमित नौकरी की संभावनाएं और कुछ शहरों में आप्रवासन विरोधी दंगों के बाद सुरक्षा संबंधी चिंताएं शामिल हैं। इन चिंताओं के कारण भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट देखी गई है। इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईएनएसए) ब्रिटेन ने कहा है कि उन्हें भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट से कोई आश्चर्य नहीं हुआ, खासकर जब सरकार ने विदेशी छात्रों को उनके जीवनसाथियों और परिजनों को ब्रिटेन लाने की अनुमति देने पर रोक लगा दी थी। आईएनएसए ने यह भी कहा कि ब्रिटेन में भारत से छात्रों की संख्या में यह गिरावट छात्रों के लिए बढ़ी हुई कठिनाइयों और अनिश्चितताओं का परिणाम है।
इस गिरावट का असर ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों पर काफी पड़ सकता है, क्योंकि वे भारतीय छात्रों के वित्तीय योगदान पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि अगर यह गिरावट जारी रही, तो ब्रिटेन में उच्च शिक्षा क्षेत्र को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। यह रिपोर्ट ब्रिटेन के उच्च शिक्षा क्षेत्र में उभरते हुए संकट का संकेत है, जो पहले से ही वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट से जूझ रहा था।