Petrol-Diesel Prices Cut: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 20 से 25 रुपए की कटौती की संभवाना..जानें क्या है वजह?

Edited By Anu Malhotra,Updated: 05 Apr, 2025 11:58 AM

20 to 25 rupees in the prices of petrol and diesel know the reason

पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में अभूतपूर्व गिरावट आई है, जो वैश्विक बाजार के लिए एक बड़ी खबर बन गई है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध, विशेषकर ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और चीन की जवाबी प्रतिक्रिया के बाद, कच्चे तेल की कीमतों...

नेशनल डेस्क: पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में अभूतपूर्व गिरावट आई है, जो वैश्विक बाजार के लिए एक बड़ी खबर बन गई है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध, विशेषकर ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और चीन की जवाबी प्रतिक्रिया के बाद, कच्चे तेल की कीमतों में 13 फीसदी तक की गिरावट आई है। यह गिरावट पिछले दो सालों में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट के रूप में देखी गई है, और अब तेल के दाम तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

हालांकि, इस गिरावट का भारत में असर देखने को नहीं मिला है। भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी भी 100 रुपये प्रति लीटर के पार बनी हुई हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इसे समझना जरूरी है, क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 35 रुपये प्रति लीटर तक आ चुकी हैं, जो कोक और पेप्सी से भी सस्ती हो चुकी हैं। फिर भी देश में इनकी कीमतें जस की तस बनी हुई हैं।

गिरती कीमतों के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल महंगे क्यों?

जब कच्चे तेल की कीमतों का मूल्यांकन किया गया, तो देखा गया कि खाड़ी देशों के तेल का दाम 65 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी तेल का दाम 62 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ चुका है। इन कीमतों का रूपांतरण जब भारतीय रुपये में किया गया तो एक लीटर तेल की कीमत 35 रुपये के आसपास आई। इसके बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब भी 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर हैं।

यह स्थिति उस समय देखी गई है जब सरकार ने मार्च 2024 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मात्र 2 रुपये की मामूली कटौती की थी। तब से लेकर अब तक इनकी कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

कच्चे तेल की गिरावट: एक संकेतिक बदलाव

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कई कारण हैं। एक मुख्य कारण अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध का बढ़ना और इससे वैश्विक मंदी का खतरा पैदा होना है। निवेशकों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक मंदी का प्रभाव कच्चे तेल की मांग पर पड़ेगा, और यही कारण है कि कच्चे तेल की कीमतें नीचे आ रही हैं। पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन (OPEC) भी उत्पादन बढ़ाने की योजना बना चुका है, जिससे बाजार में और भी आपूर्ति बढ़ेगी।

भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती का क्या होगा असर?

जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतों में और भी गिरावट हो सकती है, और इसके चलते भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी 20 से 25 रुपये तक की कटौती होनी चाहिए। लेकिन कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यदि सरकार द्वारा विंडफॉल टैक्स फिर से लागू किया जाता है, तो यह कटौती संभव नहीं हो पाएगी।

भारत में मौजूदा पेट्रोल और डीजल की कीमतें:

हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के प्रमुख महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। उदाहरण के लिए:

  • नई दिल्ली: पेट्रोल ₹94.77, डीजल ₹87.67 प्रति लीटर

  • कोलकाता: पेट्रोल ₹105.01, डीजल ₹91.82 प्रति लीटर

  • मुंबई: पेट्रोल ₹103.50, डीजल ₹90.03 प्रति लीटर

  • चेन्नई: पेट्रोल ₹100.80, डीजल ₹92.39 प्रति लीटर

क्या हो सकता है भविष्य?

विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट हो सकती है, और इसका सीधा असर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ेगा। हालांकि, सरकारी नीतियों और टैक्स स्ट्रक्चर के कारण इस गिरावट का भारत में कितना लाभ मिलेगा, यह समय ही बताएगा।

 

 

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