20 साल बाद महिला के शरीर से मिली 3 सेंटीमीटर लंबी सुई, अब मिलेगा 5 लाख का मुआवजा

Edited By Rahul Rana,Updated: 22 Jul, 2024 07:53 PM

20 years later 3 cm needle was found in a woman s body

उपभोक्ता फोरम ने बेंगलुरु में एक महिला को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। दरअसल मामला ये है बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में सर्जरी के बाद एक महिला के शरीर में 3.2 सेंटीमीटर की ‘सर्जिकल' सुई छोड़ दिए जाने के लगभग 20 साल बाद उपभोक्ता फोरम ने...

नेशनल डेस्क : उपभोक्ता फोरम ने बेंगलुरु में एक महिला को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। दरअसल मामला ये है बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में सर्जरी के बाद एक महिला के शरीर में 3.2 सेंटीमीटर की ‘सर्जिकल' सुई छोड़ दिए जाने के लगभग 20 साल बाद उपभोक्ता फोरम ने ये आदेश दिया है। कर्नाटक राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अस्पताल और दो चिकित्सकों को जयानगर निवासी पद्मावती को मुकदमा लड़ने के खर्च के रूप में 50,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इसने ‘न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड' को भी निर्देश दिया है कि वह ‘‘पेशेवर और चिकित्सीय लापरवाही के कारण'' महिला को पांच लाख रुपये का भुगतान करे। 

2004 में करवाई थी सर्जरी
महिला जब 32 वर्ष थी तब उसने 29 सितंबर, 2004 को दीपक अस्पताल में सर्जरी करवाई थी। उस दौरान कथित तौर पर दो डॉक्टरों ने हर्निया का ऑपरेशन किया था। आयोग के पिछले महीने के आदेश के अनुसार, सर्जरी पूरी होने पर उसका अपेंडिक्स भी निकाल दिया गया था। अगले ही दिन उसने तेज दर्द की शिकायत की, जिसके लिए उसे कुछ दर्द निवारक दवाएं दी गईं तथा आश्वासन दिया गया कि यह सर्जरी के बाद की तकलीफ है और यह ठीक हो जाएगी। आदेश में कहा गया कि वह कई वर्षों से पेट और पीठ में तीव्र दर्द से पीड़ित थीं और बाद में उन्हें दो बार उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

पीड़ीत ने खटखटाया उपभोक्ता फोरम 
पीड़ीत औरत जिसका नाम पद्मावती है ने 2010 में यहां एक अन्य निजी अस्पताल से संपर्क किया और एक स्कैन के दौरान, यह देखा गया कि उसके शरीर के पेट और पीठ के हिस्से में कुछ विदेशी वस्तु मौजूद थी और उसे इसे (सर्जिकल सुई) निकलवाने का सुझाव दिया गया। फिर उसने सर्जरी करवाई और 3.2 सेमी सर्जिकल सुई निकाल दी गई जिसके बाद उसने अगले वर्ष शिकायत के साथ उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।

डॉक्टरों को 50,000 रुपये का मुकदमा खर्च देने का मिला आदेश 
फोरम ने कहा कि शिकायतकर्ता की उम्र लगभग 32 साल थी, जब उसने ये सभी सर्जरी करवाई और सर्जिकल सुई निकलवाई। आदेश में कहा गया कि निश्चित रूप से सर्जिकल सुई निकलवाने तक उसे बहुत दर्द और असुविधा हुई। इसलिए, वह पांच लाख रुपये का 'वैश्विक मुआवजा' पाने की हकदार है और बीमा कंपनी (न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड) को राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है। वहीं, दोनों डॉक्टरों को 50,000 रुपये का मुकदमा खर्च देने के लिए उत्तरदायी माना जाता है।
 

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