Edited By Rohini Oberoi,Updated: 30 Mar, 2025 11:22 AM

भारत में शादियां अब पहले से कहीं ज्यादा भव्य और लंबी हो रही हैं। जहां पहले शादियां मुख्यत: पारंपरिक रीति-रिवाजों के आधार पर होती थीं वहीं अब निजी पसंद और अनूठे अंदाज को प्रमुखता दी जा रही है। इस बदलाव के कारण शादियों के खर्च में भी बढ़ोतरी हुई है।...
नेशनल डेस्क। भारत में शादियां अब पहले से कहीं ज्यादा भव्य और लंबी हो रही हैं। जहां पहले शादियां मुख्यत: पारंपरिक रीति-रिवाजों के आधार पर होती थीं वहीं अब निजी पसंद और अनूठे अंदाज को प्रमुखता दी जा रही है। इस बदलाव के कारण शादियों के खर्च में भी बढ़ोतरी हुई है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार 2023 में भारत में औसतन 6 लाख रुपये शादियों पर खर्च किए जा रहे हैं जबकि 2022 में यह खर्च 4.7 लाख रुपये था। यह जानकारी वेडिंगवायर के ऑनलाइन सर्वे से सामने आई है।
वेडिंग वेन्यू पर बढ़ा खर्च
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 40% से अधिक जोड़े अपनी शादी के वेन्यू पर 7.5 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर रहे हैं जबकि 31% जोड़े तो 10 लाख रुपये से भी ज्यादा खर्च करने को तैयार हैं। वेडिंगवायर इंडिया की मार्केटिंग मैनेजर स्निग्धा जौहर के अनुसार शादियां अब सिर्फ रस्मों तक सीमित नहीं हैं बल्कि यह जोड़ों की व्यक्तिगत पहचान और अनूठे पलों को खास बनाने का एक बड़ा इवेंट बन गई हैं।
खाना, मेहमानों का अनुभव और एंटरटेनमेंट पर फोकस
अब शादियों के खर्च को लेकर जोड़ों की प्राथमिकताएं बदल चुकी हैं। पहले जहां बजट सबसे अहम होता था वहीं अब खाना, मेहमानों का अनुभव और एंटरटेनमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। डिजिटल युग में शादियों की प्लानिंग भी हाईटेक हो गई है और 79% जोड़े अब व्हाट्सएप और वेडिंग वेबसाइट्स के जरिए शादी की जानकारी साझा कर रहे हैं। साथ ही 27% जोड़े पर्यावरण के अनुकूल शादियों को प्राथमिकता दे रहे हैं और 61% जोड़े कस्टमाइज्ड वेडिंग आउटफिट्स को पसंद कर रहे हैं।
तीन दिन से ज्यादा लंबी हो रही शादियां
रिपोर्ट के अनुसार अब 35% शादियां कम से कम तीन दिन तक चलती हैं जबकि 32% शादियां चार दिन या उससे अधिक समय तक मनाई जाती हैं। 1996-2010 में जन्मे जोड़ों की संख्या 62% तक पहुंच गई है जो पिछले साल के मुकाबले 49% अधिक है। पहले शादी इंडस्ट्री के मुख्य ग्राहक मिलेनियल्स हुआ करते थे लेकिन अब उनकी हिस्सेदारी घटकर 30% रह गई है जो 54% की गिरावट को दर्शाता है।
शादी का उद्योग: 2025 तक 6 लाख करोड़ का कारोबार
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का अनुमान है कि 2025 के वेडिंग सीजन में भारत में करीब 48 लाख शादियां होंगी जिससे शादी उद्योग का कारोबार लगभग 6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
वहीं शादियों के इस बढ़ते खर्च और बदलाव के साथ यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में शादियां अब सिर्फ पारंपरिक नहीं बल्कि एक बड़े इवेंट और खास अनुभव के रूप में बदल चुकी हैं।