1901 के बाद से 2024 भारत का सबसे गर्म साल रहा, भीषण गर्मी के 41 दिन बढ़े... ठंड के दिन घटे

Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Jan, 2025 01:53 PM

2024 will be the hottest year in india since 1901

इन दिनों भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक, साल 2024 भारत का सबसे गर्म साल रहा। यह आंकड़ा 1901 के बाद से सबसे ज्यादा तापमान वृद्धि को दर्शाता है।

नेशनल डेस्क: इन दिनों भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक, साल 2024 भारत का सबसे गर्म साल रहा। यह आंकड़ा 1901 के बाद से सबसे ज्यादा तापमान वृद्धि को दर्शाता है। मौसम विभाग के अनुसार, 2024 में न्यूनतम औसत तापमान में 0.90 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई, जबकि साल 2024 का औसत तापमान 25.75 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.65 डिग्री सेल्सियस अधिक था।

मौसम विभाग के आंकड़े
मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि 2024 में औसत अधिकतम तापमान 31.25 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.20 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। वहीं, न्यूनतम औसत तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.90 डिग्री सेल्सियस अधिक था। 2016 में भी तापमान बढ़ा था, लेकिन 2024 ने 2016 का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस साल जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में न्यूनतम तापमान सबसे ज्यादा रहा।

भीषण गर्मी के 41 दिन बढ़े
भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में 2024 को सबसे गर्म साल बताया गया है। यूरोपीय मौसम एजेंसी, कॉपरनिकस के अनुसार, 2024 में धरती का औसत तापमान 1850-1900 के बीच के औद्योगिक समय की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, इस साल अतिरिक्त 41 दिन खतरनाक गर्मी के रहे, जो मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र पर बुरा असर डाल रहे हैं। इस कारण बाढ़, गर्मी, जंगलों में आग और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि देखी गई है। यूएन एजेंसी के अनुसार, इस साल जलवायु परिवर्तन के कारण 29 में से 26 मौसमी घटनाओं का खतरा बढ़ गया। 2024 में दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन की वजह से कम से कम 3,700 लोगों की मौत हुई और लाखों लोग विस्थापित हो गए।

सर्दी कम और गर्मी बढ़ रही
भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि देश में एक नया ट्रेंड सामने आ रहा है, जिसमें सर्दी के दिन कम हो रहे हैं और गर्मी बढ़ रही है। खासकर मानसून के बाद और सर्दियों में न्यूनतम तापमान लगातार बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि सर्दी के दिनों में कमी आई है और गर्मी का असर बढ़ा है। हालांकि, उत्तर भारत में ला नीना इफेक्ट की वजह से कड़ाके की सर्दी हो रही है, जो जनवरी के कुछ दिनों तक रहेगी, लेकिन यह स्थिति ज्यादा लंबी नहीं रहेगी।

मौसम वैज्ञानिकों की चिंता
मौसम वैज्ञानिकों ने इस बदलते तापमान पैटर्न पर चिंता जताई है। जून 2023 में वैश्विक तापमान औसत से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था, और 2024 में यह स्थिति बनी रही। केवल जुलाई में थोड़ी राहत मिली। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अब दुनिया ऐसे दौर में प्रवेश कर रही है जहां तापमान लगातार बढ़ेगा, और इसके प्रभाव पूरे ग्रह पर महसूस होंगे।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!