21 मोहल्ला क्लीनिकों में शौचालय नहीं, कोविड फंड का पूरा इस्तेमाल नहीं हुआ: CAG रिपोर्ट में हुए बड़े खुलासे

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Feb, 2025 02:54 PM

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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने शुक्रवार को विधानसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में दिल्ली के चिकित्सा बुनियादी ढांचे की गंभीर खामियों की ओर इशारा किया। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड महामारी के दौरान केंद्र द्वारा प्रदान किए गए धन का बहुत कम उपयोग हुआ।

नई दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने शुक्रवार को विधानसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में दिल्ली के चिकित्सा बुनियादी ढांचे की गंभीर खामियों की ओर इशारा किया। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड महामारी के दौरान केंद्र द्वारा प्रदान किए गए धन का बहुत कम उपयोग हुआ, और इसके साथ ही कर्मचारियों की भारी कमी और बड़ी सर्जरी के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि की भी समस्या सामने आई।

कैग की यह रिपोर्ट दिल्ली की सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा पेश की जाने वाली कई रिपोर्टों में से एक है, जिसे पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है। रिपोर्ट में 'मोहल्ला' या पड़ोस क्लीनिकों की हालत को भी खतरनाक बताया गया, जो कि पहले की सरकार की प्रमुख योजना थी। इसके अलावा, स्वास्थ्य प्रणाली में अन्य कमियों जैसे डॉक्टरों और नर्सों की कमी, मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए फंड की कमी, और एम्बुलेंस व आईसीयू की कमी का भी जिक्र किया गया है।

कैग रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने कोविड महामारी के दौरान केंद्र द्वारा दिए गए 787.91 करोड़ रुपये में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया। इसमें से मानव संसाधन के लिए 30.52 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए, जो कर्मचारियों की कम संख्या और कम तैनाती को दर्शाता है। इसके अलावा, कोविड मरीजों के इलाज के लिए जरूरी पीपीई किट्स जैसी सामग्री के लिए 119.95 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, लेकिन इसका केवल 83.14 करोड़ रुपये का ही इस्तेमाल हुआ।

बेड और स्टाफ की कमी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दिल्ली सरकार अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए बजट का सही उपयोग नहीं कर पाई। 2016/17 से 2020/21 तक 32,000 नए बेड जोड़ने के लिए बजट में प्रावधान किया गया था, लेकिन सरकार केवल 1,357 बेड ही जोड़ पाई। इसके अलावा, अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी भी देखी गई है। पांच प्रमुख अस्पतालों में 2,000 से अधिक कर्मचारियों की कमी है। इन अस्पतालों में लोक नायक अस्पताल और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय शामिल हैं, जहां डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स की कमी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।

सर्जरी के लिए लंबी प्रतीक्षा 
रिपोर्ट के अनुसार, जिन मरीजों को बड़ी सर्जरी की आवश्यकता होती है, उन्हें अस्पतालों में लंबा इंतजार करना पड़ता है। लोक नायक अस्पताल में जलने के कारण बड़ी सर्जरी के लिए कम से कम छह महीने का इंतजार करना पड़ता है, जबकि चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में मरीजों को 12 महीने तक इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 27 अस्पतालों में से 14 में आईसीयू नहीं था, 16 में रक्त बैंक नहीं था और 12 में एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं थी।

21 क्लीनिकों में शौचालय नहीं
कैग ने मोहल्ला क्लीनिक योजना की भी आलोचना की, जिसमें कहा गया कि 21 क्लीनिकों में शौचालय नहीं थे, 15 में बिजली का बैकअप नहीं था और 12 क्लीनिक दिव्यांगों के लिए अनुकूल नहीं थे।

भाजपा और आप के बीच राजनीति
कैग की रिपोर्ट के बाद, विधानसभा में भारी हंगामा हो सकता है। आप सरकार के खिलाफ यह रिपोर्ट भाजपा द्वारा पेश की जा रही है, और विपक्षी नेताओं का आरोप है कि यह रिपोर्ट भ्रष्टाचार के मामले में आप के खिलाफ पेश की जा रही है। इससे पहले, इस सत्र के पहले दिन भी भाजपा की शानदार चुनावी जीत के बाद विधानसभा में तीखी नोकझोंक देखी गई थी।

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