भारत में 23.4 करोड़ लोग घोर गरीबी में जीवन यापन कर रहे, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा

Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Oct, 2024 08:14 PM

23 4 crore people india living extreme poverty united nations report reveals

भारत दुनिया के उन पांच देशों में है जहां सबसे अधिक संख्या में लोग घोर गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में करीब 1.1 अरब लोग घोर गरीबी में जिंदगी बसर कर रहे हैं और...

नई दिल्ली: भारत दुनिया के उन पांच देशों में है जहां सबसे अधिक संख्या में लोग घोर गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में करीब 1.1 अरब लोग घोर गरीबी में जिंदगी बसर कर रहे हैं और इनमें से भी आधे नाबालिग हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) एवं ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल (ओपीएचआई) द्वारा बृहस्पतिवार को बहु आयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) जारी की गयी। इसमें कहा गया है कि दुनिया में 1.1 अरब लोग घोर गरीबी में जी रहे हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत लोग युद्ध, नाजुक स्थिति और/या कम शांति वाले देशों में रह रहे हैं।

भारत में 23.4 करोड़ लोग घोर गरीबी में जीवन यापन कर रहे- रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 23.4 करोड़ लोग घोर गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं जिसे मध्यम मानव विकास सूचकांक में रखा गया है। भारत उन पांच देशों में है जहां पर घोर गरीबी में जीवनयापन करने वालों की संख्या सबसे अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के अलावा अन्य चार देश पाकिस्तान (9.3 करोड़), इथियोपिया (8.6 करोड़), नाइजीरिया (7.4 करोड़) और कांगो (6.6 करोड़) हैं जिन्हे निम्न मानव विकास सूचकांक में रखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया में घोर गरीबी में जीवन यापन करने वाले 1.1 अरब लोगों में करीब आधे (48.1 प्रतिशत) इन पांच देशों में निवास करते हैं। इसमें कहा गया कि दुनिया में 45.5 करोड़ गरीब लोग ऐसे देशों में रहते हैं जो हिंसक संघर्षों से ग्रस्त हैं, जिससे गरीबी कम करने की दिशा में कड़ी मेहनत से की गई प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है, यहां तक ​​कि इससे प्रगति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

27.9 प्रतिशत बच्चे गरीबी में रहते हैं
यूएनडीपी प्रशासक अचिम स्टीनर ने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में संघर्ष तेज हुये हैं और कई गुना बढ़ गए हैं, हताहतों की संख्या की संख्या भी नये रिकॉर्ड पर पहुंच गई है, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, तथा जीवन और आजीविका में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अनुंसधान के मुताबिक बहुआयामी गरीबी में रहने वाले 1.1 अरब लोगों में से लगभग आधे हिंसक संघर्ष वाले देशों में रहते हैं।'' रिपोर्ट के मुताबिक 1.1 अरब गरीब लोगों में से आधे से ज्यादा (58.4 करोड़) 18 साल से कम उम्र के बच्चे हैं। वैश्विक स्तर पर, 27.9 प्रतिशत बच्चे गरीबी में रहते हैं, जबकि वयस्कों में यह प्रतिशत 13.5 है।

'घोर गरीबी में रहने वाले करीब 83.7 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों से'
रिपोर्ट के मुताबिक घोर गरीबी में जीवन यापन करने वाले 1.1 अरब लोगों में से 82.8 करोड़ के पास पर्याप्त स्वच्छता, 88.6 करोड़ के पास आवास और 99.8 करोड़ के पास खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन का अभाव है और इनमें से आधे से अधिक यानी 63.7 करोड़ अपने घर में कुपोषित व्यक्ति के साथ रहते हैं। इसमें कहा गया कि दक्षिण एशिया में 27.2 करोड़ गरीब ऐसे घरों में रहते हैं, जहां कम से कम एक व्यक्ति कुपोषित है, तथा उप-सहारा अफ्रीका में यह संख्या 25.6 करोड़ है। रिपोर्ट के मुताबिक घोर गरीबी में रहने वाले करीब 83.7 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। दुनिया भर के सभी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की तुलना में अधिक गरीब हैं। वैश्विक स्तर पर ग्रामीण आबादी में गरीबी का स्तर 28.0 प्रतिशत है जबकि शहरी आबादी में यह स्तर मात्र 6.6 प्रतिशत है।

गरीबी की दर राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग
रिपोर्ट के मुताबिक 1.1 अरब गरीबों में से 21.8 करोड़ (19.0 प्रतिशत) युद्ध प्रभावित देशों में रहते हैं। वहीं करीब 40 प्रतिशत गरीब यानी 45.5 करोड़ युद्ध, अस्थिर और/या कम शांति वाले देशों में रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि गरीबी की दर राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग है। युद्ध प्रभावित देशों में गरीबी की दर जहां 34.8 प्रतिशत है जबकि युद्ध या छोटे-मोटे संघर्षों से अप्रभावित देशों में यह दर मात्र 10.9 प्रतिशत है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और ऑक्सफोर्ड 2010 से ही हर साल बहु आयामी गरीबी सूचकांक जारी कर रहे हैं जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर सहित 10 संकेतकों को आधार बनाया जाता है। इस साल के सूचकांक में दुनिया के 112 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया जिनमें दुनिया की 6.3 अरब आबादी निवास करती है। 

 

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!