Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Oct, 2024 11:42 AM
अक्टूबर महीने में त्योहारों के बीच अब छत्तीसगढ़ के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने 24 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश की घोषणा की है, जिससे स्कूलों में पढ़ाई बाधित रहेगी। इस आंदोलन का उद्देश्य पुरानी पेंशन...
नेशनल डेस्क: अक्टूबर महीने में त्योहारों के बीच अब छत्तीसगढ़ के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने 24 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश की घोषणा की है, जिससे स्कूलों में पढ़ाई बाधित रहेगी। इस आंदोलन का उद्देश्य पुरानी पेंशन समेत पांच प्रमुख मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है। संघर्ष मोर्चा के संचालक बीरेन्द्र बहादुर तिवारी के अनुसार, एलबी संवर्ग के शिक्षक 24 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश लेकर जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन में भाग लेंगे।
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना कराने की मांग को लेकर 24 अक्टूबर को आंदोलन का ऐलान किया है। मोर्चा के संचालक बीरेन्द्र बहादुर तिवारी ने बताया कि एलबी संवर्ग के शिक्षक इस दिन सामूहिक अवकाश लेकर जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन में भाग लेंगे।
इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य पूर्व सेवा गणना मिशन के तहत शिक्षकों की पहली नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना कर वेतन विसंगतियों को दूर करना है। इसके साथ ही 20 वर्षों की सेवा के बाद पूर्ण पेंशन, क्रमोन्नति और पदोन्नति की मांग भी उठाई गई है। लंबित महंगाई भत्ते का एरियर्स सहित भुगतान भी एक प्रमुख मांग है। इस संबंध में मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, शिक्षा मंत्री, और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। तिवारी का कहना है कि एलबी संवर्ग का संविलियन तो हुआ है, लेकिन उनकी पहले की सेवा शून्य मानी गई है, जिसे सही करने की आवश्यकता है।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
एलबी संवर्ग के शिक्षकों की पूर्व सेवा की गणना कर सही वेतन निर्धारण।
सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करना।
क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान का निर्धारण।
20 वर्षों की सेवा पर पूर्ण पुरानी पेंशन का प्रावधान।
लंबित महंगाई भत्ते का एरियर्स सहित भुगतान।
इस संबंध में मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, शिक्षा मंत्री और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया है।