Fake Medicines: देश में बिकने वाली 25% दवाएं नकली, लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा; जानें कैसे करें पहचान

Edited By rajesh kumar,Updated: 27 Sep, 2024 01:03 PM

25 of the medicines sold the country are fake

भारत में नकली दवाओं का संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, देश में बिकने वाली लगभग 25% दवाएं नकली हैं। इसका मतलब है कि कई फर्जी कंपनियां, नामी ब्रांड्स के लेबल का इस्तेमाल कर, बाजार में नकली दवाओं की सप्लाई कर रही...

नेशनल डेस्क: भारत में नकली दवाओं का संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, देश में बिकने वाली लगभग 25% दवाएं नकली हैं। इसका मतलब है कि कई फर्जी कंपनियां, नामी ब्रांड्स के लेबल का इस्तेमाल कर, बाजार में नकली दवाओं की सप्लाई कर रही हैं।

उच्च रक्तचाप की दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में फेल
केंद्र सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा किए गए परीक्षणों में 53 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए। इनमें आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली दवाएं जैसे बुखार की दवा पैरासिटामोल, दर्द निवारक डिक्लोफेनेक, एंटीफंगल दवा फ्लुकोनाजोल और विटामिन डी सप्लीमेंट शामिल हैं।

नकली दवाओं की पहचान कैसे करें?
लेबलिंग की जांच करें: नकली दवाओं की पहचान के लिए सबसे पहला कदम लेबलिंग की बारीकी से जांच करना है। नकली दवाओं के लेबल पर अक्सर स्पेलिंग या व्याकरण में गलतियां होती हैं।
पैकेजिंग का ध्यान दें: अगर आप पहले से किसी दवा का उपयोग कर रहे हैं, तो पुरानी और नई पैकेजिंग की तुलना करें। नकली दवाओं में पैकेजिंग में थोड़ी बहुत त्रुटि या अंतर हो सकता है।बारकोड और क्यूआर कोड का उपयोग करें: केंद्र सरकार ने अगस्त 2023 से टॉप 300 ब्रांडेड दवाओं की पैकेजिंग पर बारकोड या क्यूआर कोड अनिवार्य किया है। स्कैन करने पर दवा की पूरी जानकारी मिलती है। नकली दवाओं के कोड अक्सर स्कैन नहीं होते या गलत जानकारी देते हैं।
सीलिंग और पैकिंग: दवा खरीदते समय इसकी सीलिंग सही हो, यह सुनिश्चित करें। नकली दवाओं में अक्सर पैकेजिंग में कमी होती है।

नकली दवाओं का बढ़ता बाजार
भारत में नकली दवाओं का व्यापार तेजी से फैल रहा है। उद्योग संगठन एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 4.25 अरब डॉलर की दवाएं नकली या सब-स्टैंडर्ड हैं। यह कारोबार हर साल 33% की दर से बढ़ रहा है और 2020 में यह व्यापार 40 अरब रुपये तक पहुंच गया था।

सरकारी अस्पतालों में 38% दवाएं नकली
सरकारी अस्पतालों में नकली दवाओं का प्रचलन भी एक गंभीर समस्या है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में 38% दवाएं नकली पाई गईं, जो आम जनता के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है।

खुद को कैसे सुरक्षित रखें
दवाएं खरीदते समय हमेशा प्रतिष्ठित मेडिकल स्टोर से खरीदें और पैकेजिंग पर दिए गए सभी विवरणों को ध्यान से पढ़ें। नकली दवाओं के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है। सरकार और संबंधित विभाग इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन हमें भी अपनी जागरूकता बढ़ानी होगी ताकि नकली दवाओं के जाल में न फंसें।

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