'मैं तो आराम कर रहा...', 25 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह ने VIDEO कॉल पर मां से बोला झूठ, भारत माता की रक्षा कर शहीद हुआ बेटा

Edited By Mahima,Updated: 16 Aug, 2024 03:19 PM

25 year old captain deepak singh lied to his mother on a video call

जम्मू-कश्मीर के डोडा में बुधवार को 25 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह ने आतंकवादियों के साथ एक मुठभेड़ में शहादत दी। उनकी शहादत की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया है। एक विशेष बात यह है कि शहीद कैप्टन दीपक सिंह ने अपनी मां से झूठ बोलकर उन्हें चिंता मुक्त रखा...

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के डोडा में बुधवार को 25 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह ने आतंकवादियों के साथ एक मुठभेड़ में शहादत दी। उनकी शहादत की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया है। एक विशेष बात यह है कि शहीद कैप्टन दीपक सिंह ने अपनी मां से झूठ बोलकर उन्हें चिंता मुक्त रखा था। उन्होंने वीडियो कॉल पर अपनी मां को बताया था कि वे आराम कर रहे हैं, जबकि वास्तव में वे एक महत्वपूर्ण और खतरनाक मिशन के लिए तैयार हो रहे थे।

मां को झूठ बोलने का कारण
कैप्टन दीपक सिंह अक्सर अपनी मां से वीडियो कॉल पर बात करते समय झूठ बोलते थे। वे अपनी मां को यह कहकर शांति दिलाते थे कि सब कुछ ठीक है और वे आराम कर रहे हैं। उनके पिता महेश सिंह ने बताया कि उनका यह झूठ बोलने का तरीका था ताकि उनकी मां को कभी चिंता न हो। महेश सिंह ने कहा, "वे वीडियो कॉल पर हमेशा अपनी वर्दी की शर्ट उतारकर और बनियान पहनकर बात करते थे। इससे उनकी मां को लगता था कि वे आराम कर रहे हैं। लेकिन एक रिटायर पुलिसकर्मी के तौर पर मैं उनकी ड्यूटी के संकेत पहचान लेता था।"

शादी का वादा और परिवार की स्थिति
कैप्टन दीपक सिंह ने अपने माता-पिता से वादा किया था कि वह अपनी राष्ट्रीय राइफल्स की ड्यूटी समाप्त होने के बाद शादी करेंगे। उनके पिता ने बताया कि वह दो बहनों का इकलौता भाई था। उसकी मौत की खबर आने से ठीक पहले परिवार में जश्न का माहौल था, क्योंकि उनकी बड़ी बहन ने एक बच्चे को जन्म दिया था। परिवार उसकी शादी की योजना बना रहा था, लेकिन उसने एक साल और इंतजार करने को कहा था ताकि वह अपनी ड्यूटी पूरी कर सके।

परेड्स को देखकर सेना में शामिल होने का लिया निर्णय
दीपक सिंह ने अपनी प्रेरणा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर पुलिस परेड देखने से प्राप्त की थी। देहरादून में पुलिस क्वार्टर में रहते हुए उन्होंने इन परेड्स को देखकर सेना में शामिल होने का निर्णय लिया था। उनके पिता ने कहा कि वे अपनी शहादत पर एक बूंद भी आंसू नहीं बहाएंगे, बल्कि अपने बेटे की बहादुरी पर गर्व महसूस करेंगे। कैप्टन दीपक सिंह की शहादत ने देशवासियों को एक बार फिर सच्चे patriotism और बलिदान की याद दिलाई है। उनके इस त्याग और सेवा की भावना को हमेशा याद रखा जाएगा।
 

 

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