Edited By Parveen Kumar,Updated: 12 Jan, 2025 10:50 PM
दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, महाकुंभ 2025, सोमवार को प्रयागराज में शुरू हो रहा है। यह आयोजन करीब डेढ़ महीने तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से लगभग 35 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
नेशनल डेस्क : दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, महाकुंभ 2025, सोमवार को प्रयागराज में शुरू हो रहा है। यह आयोजन करीब डेढ़ महीने तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से लगभग 35 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करेंगे और महाकुंभ की प्राचीन परंपरा 'कल्पवास' का पालन करेंगे।
क्या है कल्पवास की परंपरा?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, श्रद्धालु एक महीने तक संगम तट पर नियमपूर्वक कल्पवास करते हैं। यह परंपरा पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलती है, और इस बार कल्पवास 13 जनवरी से 12 फरवरी तक होगा। श्रद्धालु इस दौरान गंगा स्नान, जप, तप, ध्यान, पूजा और सत्संग करते हैं। महाकुंभ में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के कल्पवास करने का अनुमान है।
विशेष इंतजाम और सुविधाएं
महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सीएम योगी के मार्गदर्शन में कई इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र में 1.6 लाख टेंट लगाए गए हैं, जिनमें बिजली, पानी और शौचालय की सुविधाएं दी गई हैं। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए अस्थाई सड़कों और पुलों का निर्माण किया गया है।
7,000 करोड़ रुपये का बजट और 45,000 पुलिसकर्मी
महाकुंभ के लिए राज्य सरकार ने 7,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जो पिछली बार के मुकाबले दोगुना है। सुरक्षा के लिए 45,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और 3,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, 55 से ज्यादा थाने और आपदा प्रबंधन टीम तैयार है।
विशेष स्नान तिथियों पर व्यवस्था मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस बार महाकुंभ के दौरान 4-5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, खासकर मौनी अमावस्या (25 से 30 जनवरी) के दिन। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्नान तिथियों पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं दिया जाएगा। महाकुंभ 2025 एक बड़े आयोजन के रूप में तैयार है, जिसमें सुरक्षा, सफाई, और सुविधाओं को लेकर कई सुधार किए गए हैं।