Wedding season: 71 दिनों में 35 लाख शादियां, 4.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च!

Edited By Mahima,Updated: 21 Sep, 2024 09:28 AM

35 lakh weddings in 71 days expenditure of rs 4 25 lakh crore

भारत में नवंबर से मध्य दिसंबर के बीच 35 लाख शादियों का आयोजन होगा, जिसमें लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सरकार द्वारा सोने पर आयात शुल्क में कमी से सोने की मांग बढ़ेगी। इस शादी के मौसम से रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे, और...

नेशनल डेस्क: भारत में इस साल नवंबर से मध्य दिसंबर के बीच एक विशाल शादी का मौसम देखने को मिलेगा। इस अवधि में लगभग 35 लाख शादियों का आयोजन होने का अनुमान है, जिसमें कुल खर्च लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। यह आंकड़ा न केवल परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक स्थिति को दर्शाता है, बल्कि यह देश की समग्र अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डालेगा।

भारत में लगभग एक करोड़ शादियां होती है 
भारत में शादी सिर्फ एक समारोह नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक घटना है। हर साल भारत में लगभग एक करोड़ शादियां होती हैं, जिससे यह क्षेत्र देश की चौथी सबसे बड़ी इंडस्ट्री बन जाती है। शादियों के आयोजन में न केवल परंपराएं और रिवाज शामिल होते हैं, बल्कि इसमें खान-पान, सजावट, वस्त्र और विभिन्न सेवाओं की भी आवश्यकता होती है। इसके कारण विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं और व्यवसायों को बढ़ावा मिलता है।

जानिए क्या है खर्च का अनुमान
इस साल के शादी के सीजन में 130 अरब डॉलर (लगभग 10 लाख करोड़ रुपये) खर्च होने का अनुमान है। यह खर्च विभिन्न चीजों पर होगा, जैसे कि शादी के कपड़े, गहने, भोजन, स्थान और सजावट। इसके अलावा, शादी की योजनाएं, फोटोग्राफी, मेहमानों के लिए आवास, और अन्य सेवाएं भी इस खर्च में शामिल होती हैं। इस तरह, यह उद्योग न केवल एक आर्थिक वृद्धि का माध्यम है, बल्कि यह लाखों परिवारों के लिए आय का स्रोत भी बनता है।

सोने की बढ़ती मांग
प्रभुदास लीलाधर की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार द्वारा आयात शुल्क में कमी के चलते सोने की मांग में वृद्धि देखी जा रही है। हाल ही में, आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका सीधा असर शादी के सीजन पर होगा, क्योंकि भारत में सोने को एक महत्वपूर्ण निवेश और धार्मिक मान्यता के रूप में देखा जाता है। इस बदलाव के चलते सोने की खरीद में और तेजी आने की संभावना है, जिससे ज्वेलरी व्यवसाय को भी लाभ होगा।

ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी हो रहा लाभ
शादी के मौसम के दौरान कंज्यूमर डिमांड में वृद्धि देखने को मिलती है, जो कि शेयर बाजार में तेजी का कारण बनती है। कंज्यूमर डिमांड के बढ़ने से रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, ज्वेलरी और ऑटोमोबाइल सेक्टर को काफी लाभ मिलता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सेक्टरों में कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में वृद्धि होगी, जिससे उनकी शेयर कीमतों में भी इजाफा होगा। 

रोजगार के नए अवसर
इस शादी के सीजन में लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। छोटी दुकानें, सेवाएं, और अन्य व्यवसायों को इस अवसर से बढ़ावा मिलेगा। शादी की तैयारियों में शामिल होने वाले लोग, जैसे कि फोटोग्राफर, मेकअप आर्टिस्ट, कैटरर्स, और आयोजक, सभी के लिए यह एक सुनहरा अवसर होगा।

इस शादी के सीजन का न केवल व्यक्तिगत जीवन में खुशियों का इजाफा होगा, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा। करोड़ों रोजगार के अवसर, बढ़ती सोने की मांग, और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में हो रही वृद्धि से भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस तरह का बड़ा आयोजन न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह सामूहिक समृद्धि और विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी को इस समय का लाभ उठाने और अपने-अपने क्षेत्रों में योगदान देने का अवसर मिलेगा।

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