Edited By Rahul Rana,Updated: 10 Nov, 2024 02:59 PM
भारत में शादी का मौसम तेजी से नजदीक आ रहा है और यह देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विवाह बाजार बनने की ओर अग्रसर है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) का अनुमान है कि नवंबर से दिसंबर के मध्य तक लगभग 35 लाख शादियां होंगी, जिससे खर्च में उल्लेखनीय...
नेशनल डेस्क। भारत में शादी का मौसम तेजी से नजदीक आ रहा है और यह देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विवाह बाजार बनने की ओर अग्रसर है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) का अनुमान है कि नवंबर से दिसंबर के मध्य तक लगभग 35 लाख शादियां होंगी, जिससे खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
वहीं एक रिपोर्ट में की गई अन्य गणना के अनुसार इस अवधि के दौरान शादियों पर 4.25 ट्रिलियन रुपये का भारी व्यय होने की उम्मीद है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 3.2 मिलियन विवाहों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। भारतीय विवाह उद्योग में जोरदार सुधार हो रहा है, जो वार्षिक 7-8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जैसा कि विवाह नियोजन साइट ने बताया है।
भारत में हर वर्ष लगभग 10 मिलियन शादियां होती हैं, जिससे सालाना अनुमानित 130 बिलियन डॉलर का व्यय होता है, जिससे यह देश का चौथा सबसे बड़ा उद्योग बन गया है।
वहीं CAIT सर्वेक्षण से पता चलता है कि इस वर्ष 15 जनवरी से 15 जुलाई तक 4.2 मिलियन से अधिक शादियों में 5.5 ट्रिलियन रुपये का अनुमानित व्यय हुआ। उद्योग की वृद्धि को हाल के नीतिगत परिवर्तनों से भी समर्थन मिला है, जैसे सोने पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करना। इस कदम से सोने की खरीद को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो कि इस बहुमूल्य धातु के सांस्कृतिक महत्व और निवेश आकर्षण से प्रेरित है।
इस बीच उम्मीद है कि हाल ही में सोने के आयात शुल्क में 15 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की कटौती से आगामी त्योहारी और शादी के मौसम में देश भर में सोने की खरीदारी बढ़ने की संभावना है।
आर्थिक क्षमता को महसूस करते हुए भारत सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय विवाह कार्यक्रमों को आकर्षित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र से लगभग 1 ट्रिलियन रुपये उत्पन्न करना है। कई मौकों पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों से भारत में शादी करने का आग्रह किया है।