Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Feb, 2025 04:37 PM
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पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद विधानसभा ने बीजेपी के चार विधायकों को निलंबित कर दिया। निलंबन की यह कार्रवाई उस समय की गई जब बीजेपी विधायक एक स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इन चार...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद विधानसभा ने बीजेपी के चार विधायकों को निलंबित कर दिया। निलंबन की यह कार्रवाई उस समय की गई जब बीजेपी विधायक एक स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इन चार निलंबित विधायकों में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी, बंकिम घोष, अग्निमित्र पाल और विश्वनाथ कारक शामिल हैं बीजेपी के चार विधायक, जिनमें सुवेंदु अधिकारी, बंकिम घोष, अग्निमित्र पाल और विश्वनाथ कारक शामिल हैं, को 30 दिनों के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद यह तीसरी बार था जब नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को विधानसभा में निलंबित किया गया। इससे पहले भी उन्हें साढ़े तीन साल में तीन बार निलंबित किया जा चुका है।
हंगामा क्यों हुआ?
यह हंगामा तब हुआ जब बीजेपी सदस्य एक स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। बीजेपी के सदस्य चाहते थे कि विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया जाए जो सरस्वती पूजा से जुड़ा हुआ था। इस पर चर्चा करने के लिए विधायक नारेबाजी कर रहे थे और सदन में घुस आए थे। इस दौरान चारों विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
बीजेपी ने पेश किया सरस्वती पूजा पर प्रस्ताव
बीजेपी की महिला विधायकों ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें सरस्वती पूजा से संबंधित मुद्दे को उठाया गया था। यह प्रस्ताव बीजेपी विधायक अग्निमित्र पाल ने पेश किया था। इस मुद्दे की शुरुआत कोलकाता के योगेशचंद्र लॉ कॉलेज में सरस्वती पूजा को लेकर हुए विवाद से हुई थी। यह विवाद अदालत तक पहुंच गया था। विधायक अग्निमित्र पाल ने इसके बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग की थी।
सुवेंदु अधिकारी का बयान
बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने स्पीकर के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब वह हिंदू धर्म के हक में आवाज उठा रहे थे तो उन्हें निलंबित कर दिया गया। उन्होंने इस पर गर्व जताते हुए कहा कि उन्हें ममता बनर्जी द्वारा विधानसभा में किए गए संबोधन से पहले ही निलंबित कर दिया गया ताकि वह विरोध न कर सकें।
अग्निमित्र पाल ने दी अपनी प्रतिक्रिया
बीजेपी विधायक अग्निमित्र पाल ने कहा कि राज्य में कुछ स्थानों पर पुलिस सुरक्षा के साथ सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाना था, जिसमें कोलकाता का योगेशचंद्र लॉ कॉलेज भी शामिल था। यह सब कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर हो रहा था। उन्होंने कहा कि जब बीजेपी विधायकों ने इस पर चर्चा करने की कोशिश की तो स्पीकर ने इसे स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद विधायकों ने वॉकआउट किया।