बांग्लादेश में 'इज्तिमा' को लेकर भारत समर्थक और विरोधी गुटों में हिंसक झड़प, 4 की मौत

Edited By Tanuja,Updated: 19 Dec, 2024 04:35 PM

4 dead several injured in clash between two factions of tablighi jamaat

बांग्लादेश की राजधानी ढाका से करीब 40 किमी उत्तर में टोंगी कस्बे में आयोजित इस्लामिक सभा  'इज्तिमा'  को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है। भारत के मौलाना साद और बांग्लादेश के मौलाना...

Dhaka: बांग्लादेश की राजधानी ढाका से करीब 40 किमी उत्तर में टोंगी कस्बे में आयोजित इस्लामिक सभा  'इज्तिमा'  को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है। भारत के मौलाना साद और बांग्लादेश के मौलाना जुबैर के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में कम से कम 4 लोगों की मौत  हो गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस ने दावा किया है कि दोनों गुटों का कहना है कि मृतकों की संख्या 7 तक हो सकती है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने  धारा 144 लागू कर दी है और सेना को तैनात किया गया है। हिंसा सिर्फ टोंगी में ही सीमित नहीं रही, बल्कि घायल समर्थकों के इलाज के दौरान ढाका मेडिकल कॉलेज में भी दोनों गुटों के बीच संघर्ष हुआ।

 

गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। मौलाना साद और मौलाना जुबैर के समर्थकों के बीच विवाद का मुख्य कारण  टोंगी इज्तिमा के आयोजन का अधिकार  है। मौलाना साद के समर्थक चाहते थे कि आगामी शुक्रवार से 5 दिवसीय इज्तिमा का आयोजन किया जाए।  वहीं, मौलाना जुबैर के समर्थकों ने इसे रोकने के लिए पहले से मैदान पर कब्जा कर लिया। मंगलवार तड़के करीब 3:30 बजे साद समर्थकों ने जबरन मैदान में प्रवेश करने की कोशिश की, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।  

 

 2011 से चल रहा विवाद 
इज्तिमा का आयोजन पहले एक ही चरण में होता था, लेकिन  2011 से इसे दो चरणों में बांट दिया गया** – एक चरण में जुबैर समर्थकों और दूसरे में साद समर्थकों को मौका दिया गया।  जुबैर समर्थकों का आरोप है कि अवामी लीग सरकार ने मुसलमानों को बांटने के लिए यह व्यवस्था शुरू की। उन्होंने साद समर्थकों पर 'भारत का एजेंट'  होने का भी आरोप लगाया। अक्टूबर 2024 से साद समर्थकों ने जुबैर समर्थकों के खिलाफ **रैलियां और विरोध प्रदर्शन** शुरू किए। यह विवाद तब और गहरा गया जब दोनों पक्षों के बीच काकरेल मस्जिद  के नियंत्रण को लेकर भी झड़प हुई।  
 

कौन हैं मौलाना साद कंधलवी? 
मौलाना साद कंधलवी एक भारतीय मुस्लिम विद्वान और प्रचारक हैं। वे तबलीगी जमात के संस्थापक मौलाना इलियास कंधलवी के परपोते और **निजामुद्दीन धड़े** के प्रमुख हैं। साद के समर्थकों का आरोप है कि बांग्लादेश प्रशासन जुबैर समर्थकों के पक्ष में काम कर रहा है और हिंसा में उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा।  

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