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स्कूल में हलवा पूरी खाने के बाद 40 बच्चों की तबियत बिगड़ी, मची चीख पुकार, वीडियो आया सामने

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Jan, 2025 03:57 PM

40 children fell ill after eating halwa puri in school

खंडवा (मध्य प्रदेश) में गणतंत्र दिवस पर एक बड़ी घटना घटी। स्कूल में खीर-पूरी और हलवा खाने के बाद 40 बच्चों की तबियत बिगड़ गई। बच्चों को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होने लगी, जिसके बाद उन्हें हरसूद तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया...

नेशनल डेस्क: खंडवा (मध्य प्रदेश) में गणतंत्र दिवस पर एक बड़ी घटना घटी। स्कूल में खीर-पूरी और हलवा खाने के बाद 40 बच्चों की तबियत बिगड़ गई। बच्चों को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होने लगी, जिसके बाद उन्हें हरसूद तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया। इस घटना ने न केवल बच्चों को परेशान किया बल्कि स्कूल और अस्पताल प्रशासन में भी हड़कंप मच गया और सभी के घरों में चीख पुकार मच गई। 26 जनवरी को खंडवा जिले के हरसूद क्षेत्र के कसरावद स्थित एक स्कूल में बच्चों को मिड डे मिल के तहत खीर-पूरी और हलवा परोसा गया। इसके बाद सभी बच्चों ने यह भोजन खाया और अपने-अपने घर चले गए। लेकिन कुछ घंटों बाद बच्चों को उल्टी की शिकायत होने लगी। घबराए हुए परिजनों ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। वहां पहुंचने पर यह मामला फूड पॉइजनिंग का प्रतीत हुआ।

इस घटना की जानकारी सबसे पहले सोशल मीडिया पर आई, जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें बच्चों को अस्पताल में इलाज करवाते हुए देखा गया। वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व ट्विटर) पर @ASinghINC नामक हैंडल से शेयर किया गया।

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बच्चों की तबियत और इलाज

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों के अनुसार, लगभग 35 से 40 बच्चे उल्टी और पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल पहुंचे थे। इनमें से 30 बच्चे प्राथमिक विद्यालय के और 5 बच्चे आंगनवाड़ी के थे। साथ ही एक आंगनवाड़ी सहायिका भी इस फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गई थी। अस्पताल के स्टाफ ने बच्चों का इलाज करना शुरू किया, लेकिन बच्चों की अधिक संख्या के कारण अस्पताल में बेड कम पड़ गए थे। इसके चलते बच्चों को अस्पताल की गैलरी में लिटाकर इलाज किया गया। हालांकि, ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने जानकारी दी कि सभी बच्चे अब खतरे से बाहर हैं और इलाज जारी है।

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प्रशासन का बयान

हरसूद स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) डॉक्टर आशीष मिश्रा ने कहा कि अस्पताल पहुंचे बच्चों की उम्र 5 से 10 साल के बीच थी। फूड पॉइजनिंग के शुरुआती लक्षण दिखने के कारण इलाज शुरू किया गया। इलाज के बाद 15 से 20 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि बाकी बच्चों का इलाज अभी जारी है। यह घटना अचानक घटी और अस्पताल प्रशासन ने पूरी तरह से बच्चों के इलाज की व्यवस्था की है। हालांकि, स्कूल और प्रशासन के बीच इस घटना के बाद एक बड़ा सवाल उठता है कि मिड डे मिल में ऐसा क्या हुआ था, जिससे बच्चों को इस तरह की समस्या हुई।

फूड पॉइजनिंग के कारण

फूड पॉइजनिंग, जो कि बैक्टीरिया या वायरस के कारण होती है, बच्चों में पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। यह समस्या खाने में गंदगी, खराब सामग्री या सही तरीके से पकाए गए भोजन के कारण होती है। इस मामले में स्कूल द्वारा परोसा गया खीर-पूड़ी और हलवा ही बच्चों की तबियत बिगाड़ने का कारण प्रतीत हो रहा है। हालांकि इस बारे में जांच अभी जारी है।

 

 

 

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