Edited By Rahul Rana,Updated: 27 Mar, 2025 11:47 AM

गुजरात के अमरेली जिले के मुंजियासर प्राथमिक स्कूल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था। जहां पांचवीं से आठवीं कक्षा के 40 छात्रों के हाथों पर ब्लेड से बने जख्मों के निशान मिले। इस घटना से स्कूल और गांव में अफरा-तफरी मच गई। नाराज अभिभावकों ने स्कूल...
नेशनल डेस्क: गुजरात के अमरेली जिले के मुंजियासर प्राथमिक स्कूल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था। जहां पांचवीं से आठवीं कक्षा के 40 छात्रों के हाथों पर ब्लेड से बने जख्मों के निशान मिले। इस घटना से स्कूल और गांव में अफरा-तफरी मच गई। नाराज अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन जवाब न मिलने पर उन्होंने ग्राम पंचायत में शिकायत दर्ज की और पुलिस से हस्तक्षेप की मांग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए धारी के सहायक पुलिस अधीक्षक जयवीर गढ़वी ने स्कूल का दौरा किया। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की और बच्चों से पूछताछ कर घटना का सच उजागर किया। पुलिस जांच में सामने आया कि यह घटना किसी ऑनलाइन वीडियो गेम की लत से नहीं, बल्कि Truth and Dare खेल के कारण हुई।
Truth and Dare गेम का दिया लालच
ASP गढ़वी ने खुलासा किया कि सातवीं कक्षा के एक छात्र ने खेल के दौरान दूसरों को चुनौती दी कि जो अपने हाथ पर ब्लेड से कट लगाएगा, उसे 10 रुपए मिलेंगे, और जो ऐसा नहीं करेगा, उसे 5 रुपए देने होंगे. इस चुनौती के चलते 40 से अधिक बच्चों ने पेंसिल शार्पनर की ब्लेड से अपने हाथों पर निशान बना लिए. इसकी सूचना जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (DPEO) को दी गई है।
स्कूल प्रशासन ने दी थी हिदायत
जांच से यह भी पता चला कि स्कूल प्रशासन ने घटना की जानकारी मिलने पर बच्चों को घर पर कुछ न बताने की सख्त हिदायत दी थी। उन्हें कहा गया कि अगर कोई हाथ के निशानों के बारे में पूछे, तो कह दें कि खेलते समय गिरने से चोट लगी। हालांकि, एक अभिभावक को सच का पता चल गया और उसने स्कूल में जाकर पूछताछ की। इसके बाद प्रशासन ने अभिभावकों के साथ बैठक बुलाई। मामला गांव के सरपंच और अन्य लोगों तक पहुंचा, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
मामले की जांच जारी
पुलिस ने साफ किया कि यह घटना Truth and Dare खेल से संबंधित है, न कि किसी ऑनलाइन गेम से। बच्चों ने खेल के दौरान एक-दूसरे के हाथों पर शार्पनर की ब्लेड से निशान बनाए। अभिभावकों और ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। अब पुलिस और शिक्षा विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. यह घटना बच्चों के बीच जोखिम भरे खेलों के प्रति सतर्कता और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर करती है।