US-China Conflict: अमेरिका की 50 कंपनियां चीन से समेटेंगी कारोबार, 15 भारत में करेंगी निवेश

Edited By Tanuja,Updated: 22 Sep, 2024 07:18 PM

50 american companies will end business with china

चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और चीन के बदलते कारोबारी माहौल ने 50 अमेरिकी कंपनियों को चीन से अपना कारोबार समेटने पर मजबूर...

Washington: चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और चीन के बदलते कारोबारी माहौल ने 50 अमेरिकी कंपनियों को चीन से अपना कारोबार समेटने पर मजबूर कर दिया है। इन कंपनियों का कुल निवेश लगभग 12 लाख करोड़ रुपये का है। इनमें से 15 कंपनियों ने भारत में निवेश करने की योजना बनाई है। यह खुलासा अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स (ACCK) की हालिया रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें 306 अमेरिकी कंपनियों का सर्वेक्षण किया गया था। भारत निवेशकों की नई पसंद रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक शीर्ष गंतव्य बन गया है, जिससे वह मेक्सिको, अमेरिका और यूरोप जैसे प्रमुख स्थानों को पीछे छोड़ रहा है। पिछले साल भारत को निवेश के लिए 5वां स्थान दिया गया था, लेकिन इस साल यह दूसरे स्थान पर आ गया है।

 

दक्षिण-पूर्व एशियाई देश जैसे इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया अब भी निवेश के लिए सबसे ऊपर हैं, लेकिन चीन अब धीरे-धीरे अपनी प्राथमिकता खो रहा है।मैनेजमेंट कंसल्टिंग और मैन्युफैक्चरिंग में भारत की ओर रुख मैनेजमेंट कंसल्टिंग क्षेत्र में भारत की प्राथमिकता तेजी से बढ़ रही है। पिछले साल की तुलना में, 40% अमेरिकी कंपनियां, जो पहले चीन में निवेश करने की योजना बना रही थीं, अब भारत में निवेश पर विचार कर रही हैं। खासकर, मैनेजमेंट कंसल्टिंग सेक्टर में 54% कंपनियों ने अपनी निवेश योजना को बदलकर भारत का रुख किया है। इसके अलावा, गारमेंट और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी भारत में निवेश को लेकर उत्साहित हैं।

 

चीन की सख्त नीतियों से नाखुश विदेशी कंपनियां कोरोना महामारी के बाद चीन में निवेश माहौल में बड़े बदलाव हुए हैं, जिससे विदेशी कंपनियां असंतुष्ट हो गई हैं। शी जिनपिंग सरकार की बेरोजगारी और उम्रदराज होती जनसंख्या जैसी समस्याओं से निपटने के लिए बनाई गई नई नीतियों ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा कर दी है। चीन में 16 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर 21.3% तक पहुंच गई है, जो पिछले 30 सालों में सबसे ज्यादा है। साथ ही, उम्रदराज होती आबादी भी उत्पादन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। इन चुनौतियों के चलते चीन की आर्थिक स्थिरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, जिससे विदेशी कंपनियां वहां से अपना कारोबार हटाने पर विचार कर रही हैं।

 

भारत में अनुकूल निवेश माहौल ACCK की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का विशाल बाजार और बेहतर निवेश माहौल विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है। सर्वेक्षण की गई 306 अमेरिकी कंपनियों में से ज्यादातर ने माना कि भारत में निवेश के लिए अब अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं, जो उन्हें अपनी रणनीतियों में बदलाव करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। निष्कर्ष चीन से अमेरिकी कंपनियों के कारोबार समेटने और भारत में निवेश की बढ़ती रुचि इस बात का संकेत है कि भारत वैश्विक निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनता जा रहा है।

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