रूसी सेना में नौकरी छोड़कर भारत लौटना चाहते हैं 50 भारतीय, विदेश मंत्रालय ने दिया मदद का भरोसा

Edited By Pardeep,Updated: 20 Jul, 2024 12:10 AM

50 indians want to leave their jobs in the russian army and return to india

रूस के सशस्त्र बलों में कार्यरत भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारत और रूस काम कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ और नौ जुलाई की दो दिवसीय मॉस्को यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति...

नई दिल्लीः रूस के सशस्त्र बलों में कार्यरत भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारत और रूस काम कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ और नौ जुलाई की दो दिवसीय मॉस्को यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमें लगभग 50 भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारी है जो वर्तमान में रूसी सशस्त्र बलों की नौकरी छोड़ना चाहते हैं।'' 

प्रवक्ता ने अपने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘ये ऐसे मामले हैं जिनमें व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्यों ने उनकी सेवा की यथाशीघ्र समाप्ति सुनिश्चित करने में सहायता के लिए हमसे संपर्क किया है।'' जायसवाल ने कहा कि इस मुद्दे को रूस के साथ नेतृत्व स्तर सहित विभिन्न स्तरों पर उठाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने अपनी हालिया रूस यात्रा के दौरान इस मामले को उठाया था। रूसी पक्ष ने हमारे अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। दोनों पक्ष भारतीय नागरिकों को शीघ्र सेवामुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं।'' 

पिछले महीने विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूस की सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों का मुद्दा ‘‘अत्यंत चिंता'' का विषय बना हुआ है और इस पर रूस से कार्रवाई की मांग की गई थी। भारत ने 11 जून को बताया था कि रूस की सेना में भर्ती हुए दो भारतीय नागरिक हाल ही में यूक्रेन के साथ युद्ध में मारे गए हैं। मंत्रालय के मुताबिक अबतक रूसी सेना में कार्यरत चार भारतीय नागरिक मारे गए हैं। दो भारतीयों की मौत के बाद विदेश मंत्रालय ने रूस की सेना द्वारा भारतीय नागरिकों की आगे की भर्ती पर पूरी तरह से रोक की मांग की। 

भारत ने कड़े शब्दों में बयान जारी करके कहा था कि वह मांग करता है कि रूस की सेना भारतीय नागरिकों की आगे किसी भी भर्ती पर पूरी तरह से रोक लगाए क्योंकि ऐसी गतिविधियां हमारी साझेदारी के अनुरूप नहीं होंगी। जानकारी के मुताबिक हैदराबाद निवासी 30 वर्षीय मोहम्मद असफान की मार्च में रूस की ओर से यूक्रेन में लड़ते समय घायल होने के बाद मौत हो गई थी। गुजरात के सूरत निवासी 23 वर्षीय हेमल अश्विनभाई मंगुआ की फरवरी में दोनेत्सक क्षेत्र में ‘सुरक्षा सहायक' के रूप में सेवा करते समय यूक्रेनी हवाई हमले में मौत हो गई थी। 

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