Edited By Utsav Singh,Updated: 24 Oct, 2024 02:04 PM
वडोदरा के बजवा-छायापुरी चॉर्ड लाइन पर अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 60 मीटर लंबा एक स्टील ब्रिज लॉन्च किया गया है। राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) के अधिकारियों ने बुधवार को इस सफलता की जानकारी दी।
नेशनल डेस्क : वडोदरा के बजवा-छायापुरी चॉर्ड लाइन पर अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 60 मीटर लंबा एक स्टील ब्रिज लॉन्च किया गया है। राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) के अधिकारियों ने बुधवार को इस सफलता की जानकारी दी।
ब्रिज का निर्माण और विशेषताएँ
यह 645 मैट्रिक टन का स्टील ब्रिज 12.5 मीटर ऊँचाई और 14.7 मीटर चौड़ाई का है। इसे गुजरात के भचाऊ में वर्कशॉप में तैयार किया गया और बाद में साइट पर इंस्टॉलेशन के लिए ले जाया गया। ब्रिज असेंबली में लगभग 25,659 टॉर-शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ (TTHS) बोल्ट्स का उपयोग किया गया, जिन्हें C5 सिस्टम पेंटिंग और इलास्टोमेरिक बेयरिंग्स के साथ डिजाइन किया गया है। ये सभी सामग्री 100 वर्षों के जीवनकाल के लिए तैयार की गई हैं।
संरचना और निर्माण प्रक्रिया
स्टील ब्रिज को अस्थायी संरचना पर 23.5 मीटर की ऊँचाई पर असेंबल किया गया था। इसे 250 टन क्षमता वाले दो सेमी-ऑटोमैटिक जैक्स की मदद से खींचा गया, जिसमें मैक-एलॉय बार्स का उपयोग किया गया। इस स्थान पर पियर्स की ऊँचाई 21 मीटर है।
सुरक्षा और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता
इस परियोजना का कार्य अत्यंत सावधानीपूर्वक किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के सर्वोत्तम मानकों का पालन किया जा रहा है। जापानी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, भारत अपनी तकनीकी और सामग्री संसाधनों का उपयोग कर रहा है ताकि 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत बुनियादी ढाँचा विकसित किया जा सके।
भविष्य की योजनाएँ
28 स्टील ब्रिजों की योजना में से, यह पांचवां स्टील ब्रिज है जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। यह बुलेट ट्रेन परियोजना में भारतीय तकनीकी संसाधनों का उपयोग करने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस परियोजना के माध्यम से भारत ने अपनी तकनीकी क्षमताओं और संसाधनों को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह दर्शाता है कि कैसे भारत अपनी इंजीनियरिंग और निर्माण क्षमता का लाभ उठाकर आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।