जनवरी-नवंबर 2024 में अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 64.5 मिलियन यात्रियों ने की यात्रा: केंद्र सरकार

Edited By rajesh kumar,Updated: 05 Jan, 2025 04:37 PM

64 5 million passengers international routes january november 2024

भारत के विमानन क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। 2024 के पहले 11 महीनों (जनवरी-नवंबर) के आंकड़े बताते हैं कि कुल 64.5 मिलियन अंतरराष्ट्रीय यात्री यात्रा के लिए भारतीय और विदेशी एयरलाइनों द्वारा ले जाए गए, जो कि 2023 की इसी अवधि के मुकाबले 11.4%...

नई दिल्ली: भारत के विमानन क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। 2024 के पहले 11 महीनों (जनवरी-नवंबर) के आंकड़े बताते हैं कि कुल 64.5 मिलियन अंतरराष्ट्रीय यात्री यात्रा के लिए भारतीय और विदेशी एयरलाइनों द्वारा ले जाए गए, जो कि 2023 की इसी अवधि के मुकाबले 11.4% की वृद्धि है। आंकड़ों के अनुसार, 64.5 मिलियन यात्रियों में से 29.8 मिलियन यात्रियों को भारतीय एयरलाइंस ने यात्रा कराई, जबकि 34.7 मिलियन यात्रियों को विदेशी एयरलाइनों ने सेवाएं दीं। यह दर्शाता है कि भारतीय वाहकों की हिस्सेदारी बढ़ी है, लेकिन विदेशी एयरलाइनों का भी योगदान महत्वपूर्ण रहा।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अनुसार, 2024 के पहले 11 महीनों में घरेलू एयरलाइनों ने 1.02 मिलियन उड़ानें संचालित कीं, जिनमें कुल 146.4 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की। पिछले साल (2023) इसी अवधि में 0.97 मिलियन उड़ानें थीं, जिनमें 138.2 मिलियन यात्री थे। इससे यह साफ है कि 2024 में घरेलू यात्री संख्या में भी वृद्धि हुई है, जो 5.9% तक पहुंची है। 17 नवंबर, 2024 को एक नया रिकॉर्ड बना जब 5 लाख घरेलू हवाई यात्री एक ही दिन में यात्रा करने लगे। यह भारतीय विमानन क्षेत्र के बढ़ते प्रभाव और यात्री यातायात को दर्शाता है।

भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 का प्रभाव
1 जनवरी 2024 से लागू भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 का उद्देश्य विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है। यह पुराने विमान अधिनियम, 1934 को समकालीन आवश्यकताओं और वैश्विक मानकों के अनुरूप संशोधित करता है। सरकार का कहना है कि यह नया कानून 'मेक इन इंडिया' और आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देगा। साथ ही, इसे शिकागो कन्वेंशन और आईसीएओ जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी संरेखित किया जाएगा, ताकि भारत का विमानन क्षेत्र दुनिया के स्तर से मेल खाता हुआ हो।

बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण कदम
सरकार ने पिछले वर्ष कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के कामों को आगे बढ़ाया। वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा में नए एयरपोर्ट टर्मिनल्स की नींव रखी गई, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरसावा, रीवा, और अंबिकापुर में नए हवाई अड्डों का उद्घाटन किया, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार हुआ। सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण के लिए 'सैद्धांतिक' मंजूरी भी दी है। यह कदम भारत के विमानन क्षेत्र के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

लैंगिक समानता और पर्यावरण पर जोर
विमानन क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने सभी हितधारकों से आग्रह किया है कि वे 2025 तक भारतीय विमानन उद्योग में महिलाओं की संख्या को 25 प्रतिशत तक बढ़ाएं। इसके अलावा, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हवाई अड्डों पर हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय के अनुसार, 80 हवाई अड्डों ने 100% हरित ऊर्जा का उपयोग शुरू कर दिया है और 12 हवाई अड्डे 2024 तक इस दिशा में कदम उठा लेंगे।

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